Buxar: बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी हो रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने बिहार-उत्तर प्रदेश बॉर्डर से उत्पाद विभाग की पुलिस ने 36 लाख की प्रतिबंधित कफ सिरफ बरामद की गयी है. पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है. ये सिरप प्याज और लहसुन की बोरियों के बीच इतनी सफाई से छुपाई गई थी कि अगर पुलिस को गुप्त सूचना न होती, तो यह खेप आसानी से पार हो जाती.
दरअसल, जब चौसा चेक पोस्ट पर नियमित जांच चल रही थी, तभी उत्तर प्रदेश की ओर से आ रहे एक डीसीएम ट्रक को जांच के लिए रोका गया. ट्रक में लदी प्याज और लहसुन की बोरियों के बीच कुछ असामान्य हलचल दिखी. शक होने पर जब बोरियों को हटाकर तलाशी ली गई, तो अधिकारी भी हैरान रह गए. वहां करीब 1200 लीटर कफ सिरप छुपाकर रखी गई थी.
उत्पाद निरीक्षक दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि ट्रक के चालक से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) से चला था और उसे यह माल पश्चिम बंगाल के वर्धमान पहुंचाना था, लेकिन पुलिस को चालक की बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है. जांचकर्ताओं को शक है कि ट्रक चालक इस खेप को बिहार में ही कहीं उतारने वाला था, क्योंकि कफ सिरप का उपयोग आमतौर पर नशे के तौर पर किया जाता है और इसका नेटवर्क तेजी से बिहार में फैल रहा है.
इस पूरे मामले की सूचना वरीय अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और बरामद माल को जब्त कर लिया गया. 38 बोरी प्याज और 70 बोरी लहसुन के बीच इस खेप को बड़ी चालाकी से रखा गया था. पुलिस ने चालक संदीप कुमार, जो गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना अंतर्गत विंददयाल गांव का निवासी है, को गिरफ्तार कर लिया है. उसे न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद जेल भेज दिया गया है.
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और बिहार में यह खेप किन लोगों तक पहुंचाई जानी थी. फिलहाल उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.
बिहार में 2016 से शराबबंदी का कानून लागू है. जिसके बाद से नशे के कारोबारी शराब के बदले अन्य मादक पदार्थों का कारोबार धड़ल्ले से बिहार के अलग-अलग इलाकों में कर रहे है. कहीं नशीली गोलियों का चलन बढ़ा है तो कहीं, हेरोइन, अफीम, गांजे के अलावे कफ सिरप के जरिए नशा किया जा रहा है.