देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित विश्व विख्यात श्री बद्रीनाथ मंदिर के ‘सिंह द्वार’ में कोई नई दरार नहीं देखी गई है और न ही मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है। गुरुवार को श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को ओर से मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने यह जानकारी दी।
डॉ. गौड़ ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आई हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है। वर्तमान में कोई भी नई दरार नहीं दिखी है। उन्होंने बताया कि सिंह द्वार के मरम्मत कार्य के अंतर्गत, पहले चरण में द्वार के दायीं ओर यह कार्य किया जा चुका है। अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका मरम्मत कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बद्रीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आई हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था। तत्पश्चात, शासन ने एएसआई को इस इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा।
इस क्रम में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी। अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके कि दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं। गत नौ अगस्त, 2023 को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था। तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं आया था।