May 23, 2023, 09:10 IST

UP News: कौन होगा उत्तर प्रदेश का अगला DGP, इन नामों पर चर्चा

UP News: कौन होगा उत्तर प्रदेश का अगला DGP, इन नामों पर चर्चा 

UP DGP: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा? इस पर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक तरह-तरह की चर्चाएं हैं. कार्यवाहक डीजीपी आर के विश्वकर्मा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं.

तो क्या उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है या फिर योगी सरकार किसी और सीनियर IPS अफसर को ये जिम्मेदारी देगी? फैसला लेने में अब सिर्फ हफ्ते भर का समय बचा है. जितने मुंह, उतनी ही बातें. अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चली तो फिर विजय कुमार यूपी के नए डीजीपी हो सकते हैं. लेकिन अगर केंद्र सरकार की पसंद की चली तो फिर आर के विश्वकर्मा अगले लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बने रह सकते हैं.

यूपी में डीजीपी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में दो बार ठन चुकी है. देवेंद्र सिंह चौहान इसी साल 31 अप्रैल को रिटायर हुए थे. तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि आर के विश्वकर्मा को यूपी पुलिस का बॉस बनाया जा सकता है. क्योंकि उनके रिटायर होने में सिर्फ दो ही महीने बचे थे. लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया. तब से वे ऐसे काम कर रहे हैं जैसे वे इस पद पर लंबे समय के लिए रह सकते हैं. वे हर दिन अलग-अलग विभाग में होने वाले काम काज की मीटिंग ले रहे हैं. कभी ट्रैफिक विभाग की तो किसी दिन इंटेलिजेंस की तो कभी पुलिस ट्रेनिंग की. सभी विभागों का वे प्रेजेंटेशन भी देख रहे हैं

अगले 5 सालों में यूपी पुलिस में क्या-क्या होना चाहिए? इस पर बैठकें हो रही हैं. यूपी के एक सीनियर IPS अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कहीं से नहीं लगता कि वे अगले हफ्ते रिटायर होने वाले हैं. 1988 बैच के सीनियर IPS अफसर विश्वकर्मा पिछड़ी बिरादरी के हैं. चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी जैसे पदों पर नियुक्ति के मामले में जाति और धर्म भी देखा जाता है. बीजेपी सरकार में किसी मुस्लिम अधिकारी को ये जिम्मेदारी देना आठवें अजूबे जैसा होगा.

पिछड़ी जाति का होने का फायदा आर के विश्वकर्मा को हो सकता है. यूपी सरकार चाह कर भी ये फैसला नहीं कर सकती है. क्योंकि रिटायर होने पर सेवा विस्तार देने का फैसला केंद्र सरकार का होता है. अगर दिल्ली से उनके नाम को हरी झंडी मिल जाती है फिर तो विश्वकर्मा की लॉटरी निकल सकती है. उन्हें कम से कम अगले लोकसभा चुनाव तक के लिए ये कुर्सी मिल सकती है. बीजेपी इन दिनों खुलकर पिछड़ा कार्ड खेल रही है. यूपी के डिप्टी सीएम समेत पार्टी में पिछड़ी बिरादरी के कई नेता उनके लिए लॉबिंग कर रहे हैं.

वरिष्ठता के हिसाब से देखें तो आर के विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद तीन आईपीएस अधिकारी डीजीपी की रेस में हैं. मुकुल गोयल सबसे सीनियर अफसर हैं. लेकिन उन्हें डीजीपी नहीं बनाया जा सकता है. उन्हें हटा कर ही देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. मुकुल गोयल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत नाराज हो गए थे. वे केंद्र सरकार की पसंद के अधिकारी समझे जाते हैं. नाकाबिल बता कर योगी सरकार ने उन्हें डीजीपी से हटाया था.

लिस्ट में दूसरा नाम है आनंद कुमार का. जो दो महीने पहले तक जेल विभाग के डीजी थे. लेकिन जेल के अंदर हुई कुछ घटनाओं से नाराज होकर योगी सरकार ने उन्हें सहकारिता विभाग का डीजी बना दिया. बताया जाता है कि पूर्व डीजी देवेंद्र सिंह चौहान भी उन्हें पसंद नहीं करते थे. रिटायर होने के बाद भी चौहान को योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है. बीते रविवार को गोरखपुर में दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई थी. समझा जाता है कि नए डीजीपी की नियुक्ति में चौहान की राय का भी रोल हो सकता है.

CBCID के डीजी विजय कुमार को योगी की पसंद का अफसर बताया जाता है. वे विजिलेंस विभाग के डायरेक्टर भी हैं. वे दलित समाज से आते हैं. इस लिहाज से राजनीतिक तौर पर वे भी फिट बैठते हैं. गोरखपुर में नौकरी करने के कारण उनके योगी से बड़े अच्छे रिश्ते रहे हैं. कहते हैं कि पूर्व डीजीपी चौहान भी उन्हें पसंद करते हैं. वैसे तो आनंद कुमार भी योगी सरकार में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं. उनकी छवि एक काबिल और ईमानदार अधिकारी की रही है

आर के विश्वकर्मा के रिटायर होने पर अगर पैनल भेजने की बात आई तो तीन अफसरों की ही लिस्ट बनेगी – मुकुल गोयल, आनंद कुमार और विजय कुमार. UPSC भी अधिकारियों की वरिष्ठता के हिसाब से यही पैनल यूपी सरकार को भेजेगी. इनमें से अगर किसी एक को डीजीपी बनाने की बारी आई तो योगी की पहली पसंद विजय कुमार हो सकते हैं.