Aug 16, 2023, 12:46 IST

Shimla: शिमला भूस्खलन बचाव अभियान के तीसरे दिन एक और शव मिला, मृतकों की संख्या बढ़ कर 13 हुई

Shimla: शिमला भूस्खलन बचाव अभियान के तीसरे दिन एक और शव मिला, मृतकों की संख्या बढ़ कर 13 हुई

Shimla: शिमला के उपनगर समरहिल में भूस्खलन से धराशायी हुए शिव बावड़ी मंदिर के मलबे में लापता लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी है।

एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के साथ पुलिस व स्थानीय लोग बचाव व राहत कार्यों में जुटे हैं। तीसरे दिन सुबह एक और शव बरामद हुआ है। शव की शिनाख्त एमआईरूम समरहिल निवासी अमन शर्मा की पत्नी अर्चना शर्मा ( 32) के रूप में हुई है। मृतक महिला के परिवार के 7 सदस्य हादसे के शिकार हुए हैं। जिसमें उसके पति, 2 बच्चियां, सास व ससुर शामिल हैं। महिला के पति, सास व 2 बच्चियों के शव पहले ही बरामद कर लिए गए हैं।

दिल दहलाने वाले इस हादसे में करीब 1 दर्जन लोग अभी भी लापता हैं। इनमें एक कारोबारी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के प्रोफेसर व उनका बेटा सहित अन्य लोग शामिल हैं।

शिमला के एसपी संजीव गांधी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन सुबह महिला का शव नाले से बरामद किया गया है। अब तक कुल 13 शव बरामद हुए हैं। हादसे वाले दिन आठ और अगले दिन चार शव मलबे से निकाले गए थे। एक शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिलने से उसकी शिनाख्त नहीं हुई है।

गौरतलब है कि बीते 14 अगस्त (सोमवार) की सुबह करीब सवा सात बजे भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया था। भूस्खलन इतना भयावह था कि मंदिर का नामोनिशान मिट गया। मंदिर में मौजूद दो दर्जन से अधिक लोगों को बच निकलने का समय तक नहीं मिला। भूस्खलन के बाद घटनास्थल पर तबाही का मंजर देखा गया।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इस भयानक हादसे ने दो मासूम बच्चियों सहित 7 लोगों के एक परिवार को मौत की नींद सुला दिया। मृतकों की शिनाख्त संतोष (58) पत्नी पवन, अमन (34) पुत्र पवन, शेयशा (4) पुत्री अमन, सुयशा (2) पुत्री अमन, किरण (55) पत्नी प्रदीप, संजय ठाकुर (48) पुत्र मोहन सिंह, अमित ठाकुर (48), हरीश कुमार (43), अर्चना (32) पत्नी अमन, मानसी (40) पत्नी हरीश, रेखा (56) पत्नी पी एल शर्मा और मंदिर के पुजारी राजेश सुमन (50) के तौर पर हुई है।

करीब 150 साल पुराना यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर के प्रसाद की तैयारी चल रही थी, जब मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल