Jaipur: प्रमुख सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम श्री टी. रविकान्त ने एलओआई धारकों से माइनिंग प्लान अनुमोदन, चरागाह एनओसी, पर्यावरण स्वीकृति सहित आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने के लिए संबंधित संस्थाओं में आवश्यक दस्तावेज तय समय सीमा में प्रस्तुत करने को कहा है ताकि ऑक्शन ब्लॉकों को परिचालन में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि एलओआई धारकों द्वारा आवश्यक अनुमतियों के लिए कार्रवाई में देरी के कारण खानों को परिचालन में लाने में अनावश्यक देरी होती है।
प्रमुख सचिव माइंस श्री टी. रविकान्त शुक्रवार को सचिवालय से एलओआई धारकों से वर्चुअली रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि ऑक्शन खानों को शीघ्र परिचालन में लाना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में जिन एलओआई धारकों (मंशापत्र धारक) ने अभी तक माइनिंग प्लान बनाकर अनुमोदन के लिए आईबीएम में प्रस्तुत नहीं किया है वे बिना किसी विलंब के माइनिंग प्लान प्रस्तुत करें। उन्होंने बताया कि करीब 15 एलओआई धारकों द्वारा अभी तक आईबीएम में अनुमोदन के लिए माइनिंग प्लान प्रस्तुत नहीं किये है। इसी तरह से चरागाह एनओसी के लिए 12 एलओआई धारकों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है। लगभग यही स्थिति पर्यावरण स्वीकृतियों को लेकर है।
श्री टी. रविकान्त ने एलओआई धारकों द्वारा समय पर आवश्यक कार्रवाई नहीं करने से ऑक्शन खानों को परिचालन में लाने में अनावश्यक देरी होती है। उन्होंने निदेशालय को भी निर्देशित किया कि संबंधित एलओआई धारकों को मुख्यालय बुलाकर वन टू वन मीटिंग कर आवश्यक मार्गदर्शन और नियमों की जानकारी से अवगत कराया जाए।
निदेशक माइंस श्री दीपक तंवर ने बताया कि एलओआई धारकों की शंकाओं का मुख्यालय स्तर पर बैठक कर समाधान करने के साथ ही आवश्यक अनुमतियों के लिए आवेदन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गठित पोस्ट ऑक्शन फेसिलिटेशन सेल द्वारा संबंधित विभागों से भी समन्वय बनाया हुआ है।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक मुख्यालय श्री महेश माथुर, अधीक्षण खनि अभियंता मेजर श्री भीम सिंह, अधीक्षण खनि अभियंता विजिलेंस श्री प्रताप मीणा, ओएसडी श्री श्रीकृष्ण शर्मा, बीडिंग सेल से एसजी श्री नितिन चौधरी के साथ ही एलओआई धारकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।