जबलपुर: मध्य प्रदेश में शनिवार को उच्च न्यायालय से लेकर सभी जिला एवं तहसील न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
इस दौरान प्रदेशभर में 92 हजार से अधिक विवादों का परस्पर सहमति से निराकरण किया गया। इस प्रक्रिया में चार अरब से अधिक की मुआवजा राशि वितरित की गई। इस तरह सहज, सुलभ व त्वरित न्यायदान का आदर्श प्रस्तुत हुआ। यह जानकारी मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत के दौरान उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर-ग्वालियर में 19 युगलपीठों के जरिए सुनवाई हुई, जबकि अधीनस्थ अदालतों में 1329 युगलपीठों ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर विवादों के हल का मार्ग प्रशस्त किया। इस बार प्रीलिटिगेशन यानी मुकदमा पूर्व स्थिति के चार लाख 57 हजार 891 प्रकरण सूचीबद्ध किए गए थे, जिनमें से 61 हजार 10 प्रकरण निराकृत करने में सफलता मिली। इसी तरह न्यायालयों द्वारा रेफर लंबित प्रकरणों की संख्या दो लाख 13 हजार 133 थी, जिनमें से 31 हजार 94 मामले निराकृत कर दिए गए। इस तरह कुल सूचीबद्ध छह लाख 71 हजार 24 प्रकरणों में से 92 हजार 104 मामलों में समझौता करा दिया गया।
इंदौर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने त्रिवेदी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड विरुद्ध राजेश व नीरज विरुद्ध राजेश के विवाद निपटाए। ये मामले पांच वर्ष से लंबित थे। इनमें सात करोड़ दो लाख व पांच करोड़ 20 लाख रुपये के लेनदेन का विवाद था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीके शर्मा ने दोनों मामलों के पक्षकारों व अधिवक्ताओं से विस्तृत चर्चा कर आपसी राजीनामा के आधार पर विवाद समाप्त किए।
इंदौर में सलमान खान की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उसकी पत्नी, दो बच्चों व माता-पिता ने मुआवजे के लिए प्रकरण दायर किया था। यह मामला मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, इंदौर के समक्ष दायर था। राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों को समझाइश दी गई। इस तरह बीमा कंपनी मृतक के स्वजनों को 60 लाख मुआवजा राशि देने तैयार हो गई।