Apr 13, 2023, 08:30 IST

MP News: आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस का नया प्रयास, जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर

MP News: आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस का नया प्रयास, जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर

सुमित कुमार, संवाददाता

MP Police : मध्यप्रदेश में इन दिनों लगातार सोसाइट के मामलों में तेजी से वृद्धि होती देखी जा रही है। सबसे ज्यादा युवाओं द्वारा यह कदम उठाए जा रहे हैं। दरअसल युवा अवसाद के चलते सुसाइड जैसे कदम उठाते हैं। जिसका खामियाजा उन्हें नहीं लेकिन उनके परिवार और समाज को भुगतना पड़ता है। इसके बारे में वह बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं बीते 20 दिनों में इंदौर शहर में करीब 4 साइड के मामले सामने आ चुके हैं जो छात्राओं द्वारा किए गए हैं।

इस समस्या को दूर करने के लिए अब मध्य प्रदेश पुलिस एक नया कदम उठाने वाली है। तनाव से जूझ रहे युवाओं की मदद करने के लिए एक हेल्पलाइन जारी करने वाली है। जिसके द्वारा अवसाद ग्रस्त व्यक्ति की जानकारी वह स्वयं या फिर उसके परिवार वाले दे सकते हैं। उनकी पहचान भी उजागर नहीं की जाएगी गोपनीय रखी जाएगी। वहीं एक दोस्त के नाते पुलिस अवसाद ग्रस्त व्यक्ति से संपर्क करेगी।

साथ ही उसकी काउंसलिंग कर इस कदम उठाने से बचाने के लिए हर कोशिश करेगी। पुलिस का मकसद यही है कि युवा पीढ़ी सुसाइड करने जैसे कदम उठाने से रुके और पुलिस का मानना है कि शिक्षा, रोजगार, पारिवारिक तनाव और प्रेम प्रसंग के चलते सबसे ज्यादा युवा अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। जिसकी वजह से वह सुसाइड करने जैसे गलत कदम उठा लेते हैं। इसी को देखते हुए भोपाल पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला किया है।

इस हेल्पलाइन नंबर की मदद से युवा पीढ़ी को समझाने के साथ-साथ गलत कदम उठाने से रोका जा सकेगा इसको लेकर भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने भी अधिकारियों से चर्चा की है। उनका कहना है कि आजकल की पीढ़ी ज्यादा तनाव नहीं चल पाती है। जिसके चलते वह इस तरह के कदम उठाने पर मजबूर रहती है। इन सब को रोकना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हेल्पलाइन नंबर तो जारी किया जाएगा। उसकी मदद से काउंसलिंग की जाएगी।

ऐसा प्रयास पहले इंदौर और जबलपुर सहित कई अन्य क्षेत्रों में किया जा चुका है। लेकिन अब भोपाल में इसे शुरू किया जा रहा है। उनका कहना है कि इस हेल्पलाइन नंबर की मदद से सीधा साईक्रेटिक्स और विशेषज्ञों से युवा पीढ़ी और पीड़िता की बातचीत करवाई जाएगी। जिससे उनका तनाव मुक्त करने के लिए चिकित्सकों द्वारा प्रयास किया जाएगा। इस हेल्पलाइन की मदद से युवा पीढ़ी मदद मिलेगी और सुसाइड के मामलों में कमी आएगी।