संवाददाता सुमित कुमार
Indore news: इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर रोशन राय के द्वारा इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाए जाने के प्रयास के अंतर्गत गठित दलों की बैठक ली गई। बैठक में महिला बाल विकास, श्रम विभाग, प्रवेश संस्था, पुलिस विभाग के संयुक्त दल शामिल हुए।
अपर कलेक्टर रोशन राय ने मंदिरों के पुजारियों को निर्देशित करते हुए सभी मंदिरों के पास नोटिस बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए। बैठक में महिला बाल विकास के दिनेश मिश्रा एवं सतीश गंगराड़े तथा अन्य सभी सदस्य उपस्थित हुए। अपर कलेक्टर ने इंदौर को भिक्षामुक्त बनाए जाने के लिए सभी विभागों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इंदौर जिले को बाल भिक्षा मुक्त जिला बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा हैं। जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जिले के विभिन्न चौराहों एवं धार्मिक स्थलों पर बाल भिक्षा वृति रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। जिले को बाल भिक्षा मुक्त बनाये जाने की कार्रवाई की जाने हेतु विभिन्न विभागों के 7 संयुक्त दलों का गठन किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि, उक्त दलों में स्मार्ट सिटी परियोजना, नगर निगम इंदौर, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शौर्य दल सदस्य एवं संस्था प्रवेश इंदौर के सदस्यों को सम्मिलित किया गया है।
उक्त गठित दल शहर के 40 विभिन्न चौराहों एवं धार्मिक स्थलों पर बाल भिक्षा वृत्ति में लिप्त बालकों को अभिरक्षा में लेकर बाल कल्याण समिति जिला इंदौर के समक्ष प्रस्तुत कर बालकों के पुर्नवास संबंधी कार्य करेंगे। उक्त अभियान अंतर्गत जो व्यक्ति भीख मंगवाने के प्रयोजन से बालकों को नियोजित करता है या किसी बालकों से भीख मंगवाता है ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और सरक्षण) अधिनियम 2015 एवं सशोधित अधिनियम 2021 की धारा 76 (1) के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। दोषी व्यक्ति को पांच वर्ष तक के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना के दण्ड का प्रावधान हैं।