Feb 11, 2023, 21:11 IST

MP News: कूनो पालपुर नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से आ रहे 12 नए चीते, 18 फरवरी को ग्वालियर में होगी लैंडिंग

MP News: कूनो पालपुर नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से आ रहे 12 नए चीते, 18 फरवरी को ग्वालियर में होगी लैंडिंग

सुमित कुमार, संवाददाता

Sheopur: मध्यप्रदेश में जल्द नए मेहमानों की आमद होने जा रही है. चीता प्रोजेक्ट के तहत एक बार फिर भारत में 12 नए चीतों का स्वागत किया जाएगा. कूनो नेशनल पार्क में सितंबर के महीने में नामीबिया से 8 चीते आए थे और अब भारत-साउथ अफ्रीका के बीच आपसी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 12 नए चीते लाने की तैयारी शुरू हो गई है.

दक्षिण अफ्रीका में कई महीने से चीते क्वारंटाइन हैं, जिन्हें अब 18 फरवरी को भारत के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाया जाएगा. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जे.एस चौहान ने जानकारी दी है कि 12 चीतों का दूसरा जत्था 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उनके 72वें जन्मदिन पर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को 17 सितंबर को छोड़ा गया था. 5 मादा और 3 नर के पहले बैच को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ा गया था.

जुलाई 2022 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका से चीता प्रोजेक्ट के लिए 12 चीतों को दिए जाने का आग्रह किया था. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से एक साथ चीता लाकर बसाए जाने थे. चीतों के चयन से लेकर इनको क्वारंटीन करने तक की तैयारी नामीबिया के साथ ही दक्षिण अफ्रीका में भी उसी समय पूरी कर ली गई थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने का MOU साइन नहीं हो सका था, जिसकी वजह से नामीबिया से 8 चीते तो भारत आ गए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से मेहमानों को लाने में थोड़ा वक्त लग रहा है. ये सभी 12 चीते क्वारंटीन बाड़ों में फिलहाल रखे गए हैं और फरवरी के तीसरे हफ्ते में इन चीतों को भारत लाया जाएगा. आने वाले नए मेहमानों के लिए कूनो में 8 नए बाड़े भी तैयार किए गए हैं.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे.एस चौहान ने बताया कि, मौजूदा योजना के मुताबिक 18 फरवरी को 12 और चीतों को कूनो लाया जा रहा है. यहां लाने से पहले सभी चीते को दक्षिण अफ्रीका से ग्वालियर स्थित एयरबेस पर लैंड़ कराया जाएगा. फिर उन्हे सड़क मार्ग या फिर हवाई मार्ग से कूनो लाकर बाड़ों में छोड़ा जाएगा. 12 चीतों के जत्थे में नर और मादा चीतों की संख्या की जानकारी अभी नहीं दी गई है. नियमों के मुताबिक भारत में भी चीतों को एक महीने के लिए क्वारंटीन किया जाएगा. कूनो के वन अधिकारियों ने पहले ही कहा था कि, पार्क ने नए मेहमानों के लिए 10 क्वारंटीन बाड़े बनाए थे. विभिन्न कारणों से एमओयू पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण पिछले साल कुछ विशेषज्ञों ने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की थी, क्योंकि ये जानवर 15 जुलाई से वहां क्वारंटीन हैं. फिलहाल कूनों के सबी 8 बाड़े खाली हैं और उम्मीद है कि जल्द इनमें चीते दौड़ लगाएंगे.

भारत में बिग इंडियन कैट स्पीशीज के चीते विलुप्त हो चुके थे. अब लगभग 7 दशक बाद चीतों को फिर से लाया गया है और इनका कुनबा बढ़ाया जा रहा है. देश में अंतिम चीते की मृत्यु 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था. जनवरी में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने एशियाई देश में चीतों के फिर से बसाने के एक समझौता पर हस्ताक्षर किए. समझौता के अनुसार, 12 चीतों का प्रारंभिक जत्था दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जाएगा.