May 4, 2023, 20:01 IST

आदिगुरू शंकराचार्य की दीक्षास्थली ओंकारेश्वर में 3 दिन बिताएंगे MP के मुख्‍यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान

आदिगुरू शंकराचार्य की दीक्षास्थली ओंकारेश्वर में 3 दिन बिताएंगे MP के मुख्‍यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान 

सुमित कुमार, संवाददाता

Omkareshwar News:  भगवान ओंकारेश्वर की पावन धरा और आदिगुरू शंकराचार्य की दीक्षास्थली ओंकारेश्वर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तीन दिन बिताएंगे।

इस दौरान भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और ओंकार पर्वत पर निर्माणाधिन आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा स्थल का जायजा लेगें।

मुख्यमंत्री ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में स्थित सैलानी टापू पर पर्यटन विकास निगम के रिसोर्ट में आम पर्यटकों के साथ दो रात रूकेंगे। इस दौरान अधिकारियों की बैठक लेकर ओंकारेश्वर में चल रहे कार्यो की समीक्षा भी करेंगे। मुख्यमंत्री का यह दौरा पूरी तरह शंकराचार्य प्रकल्प से संबंधित बताया जा रहा है। इस दौरान अन्य कोई भी सार्वजनिक आयोजन या आमजन से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है। अव्वल मुख्यमंत्री के अधिकृत कार्यक्रम में मात्र चार मई को शाम छह बजे ओंकारेश्वर आगमन, स्थानीय कार्यक्रम और रात्रि विश्राम का ही उल्लेख है।

निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरूवार देर शाम मुख्यमंत्री चौहान सपरिवार ओंकारेश्वर पहुुंचे। ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन उपरांत संतों का सम्मान, जनप्रतिनिधियों और पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों से भेंट की। इसके बाद सैलानी टापू रिसोर्ट में रात्रि विश्राम के लिए रवाना हुए। पांच मई को प्रात: 8.30 बजे से 9.30 बजे तक एनएचडीसी गेस्ट हाउस में शंकराचार्य प्रकल्प की बैठक में शामिल होंगे। यहां कंसल्टेंट द्वारा परियोजना का प्रस्तुतीकरण होगा। वहीं 10 बजे से 11.30 तक ओंकार पर्वत पर प्रतिमा की साइड विजिट करेंगे। 11.30 बजे से 12 बजे तक प्रमुख संतों और अतिथियों के साथ संवाद करेंगे।

ओंकारेश्वर में प्रदेश सरकार द्वारा आदिगुरू शंकराचार्य की बाल्यावस्था की 108 ऊंची प्रतिमा का निर्माण ओंकार पर्वत पर किया जा रहा है। यह प्रतिमा 54 फीट ऊंचे प्लेटफार्म (पैडस्टल) पर लगेंगी। वहीं प्रतिमा के चरणों में बनने वाला कमल का फूल 40 फीट चौडा और 16 फीट ऊंचा रहेंगा। इस प्रकार प्रतिमा की कुल ऊंचाई 199 फीट हो जाएगी। यह मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

इस प्रतिमा का नेतृत्व आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और संस्कृति विभाग कर रहा है। ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा (एकात्मा की प्रतिमा) स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर चल है। निर्माणाधीन प्रतिमा में शंकराचार्य जी द्वारा हाथ में थमा हुआ कमंडल 12 फीट लंबा और 12 फीट चौडा होगी। आदिगुरू शंकराचार्य के दंड की ऊंचाई 102 फीट रहेंगी।

प्रतिमा की आधारशिला 54 फीट ऊंची रहेगी। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के चरणों में बनने वाला कमल का फूल 40 फीट चौडा और 16 फीट ऊंचा रहेगा। कमल का फूल सालिड स्टोन से निर्मित होगा। कमल के फूल पर आदि शंकराचार्य जी की 108 फीट ऊंची और 100 टन वजनी बहुधातु से निर्मित प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रतिमा के आधार के निर्माण में 250 टन स्टेनलेस स्टील, 100 टन ब्रांज का उपयोग किया जा रहा है। प्रतिमा स्थापना का कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सितंबर 2023 तक पूर्ण होने की संभावना है।

शकंराचार्य प्रकल्प अंतर्गत शंकराचार्य की प्रतिमा के अलावा शंकर संग्रहालय और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान प्रस्तावित है। शंकराचार्य जी की प्रतिमा का डिजाइन और क्रियावंयन दिल्ली की सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट कर रही है। वहीं प्रतिमा के लिए पैडस्टल का निर्माण एलएंडटी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान के ओंकारेश्वर दौरे और प्रतिमा स्थल के निरीक्षण के दौरान सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट कंपनी और एलएंडटी प्रोजेक्ट प्रमुख भी ओंकारेश्वर में मौजूद रहेंगे। ये दोनो पहली बार ओंकारेश्वर आ रहे है। शंकराचार्य जी की बहुधातु प्रतिमा का निर्माण चीन की जेटीक्यू कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी ने ही गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टेच्यू आफ युनिटी का निर्माण किया है।

ओंकारेश्वर के निकट सिद्धवरकुट क्षेत्र में ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में स्थित सैलानी टापू मुख्यमंत्री चौहान वर्ष 2018 में भी आ चुके है। इस बार यहां दो रात ठहरने का कार्यक्रम है। चार और पांच मई की रात सपरिवार यहां विश्राम करेंगे। पर्यटन निगम द्वारा पांच काटेज मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित किए है। मां नर्मदा के अथाह जल और जंगल के बीच टापू पर स्थित इस रिसोर्ट में 23 काटेज है। ग्रीष्म अवकाश की वजह से पयर्टकों की बुकिंग की वजह से यह हाउसफूल है। पहले से काटेज बुक करवा चुके पर्यटकों के साथ ही मुख्यमंत्री भी यहां ठहरेंगे। किसी पर्यटक की बुकिंग रद्द नहीं की गई है। पर्यटन विकास निगम के प्रबंधक प्रवीण दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री यहां रात्रि विश्राम कर रहे है यह हमारे लिए हर्ष की बात है। यहां वाटर स्पोर्ट, बोटिंग, स्कूबा डाइविंग,फिशिंग, जंगल सफारी सहित इनडोर गेम्स और हराभरा शांत प्राकृतिक माहौल पर्यटकों को पंसद आता है। चारों ओर पानी से घिरे टापू पर मोटर बोट से आवाजाही की सुविधा है।

मुख्यमंत्री के ओंकारेश्वर दौरे के मद्देनजर आवश्यक तैयारियां की गई है।। दो दिवसीय प्रवास पर गुरूवार को रात्रि विश्राम करेंगे। स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और एनएचडीसी सभागृह में अधिकारियों के साथ बैठक लेकर ओंकारेश्वर में चल रहे आचार्य शंकराचार्य की प्रतिमा कार्य की समीक्षा करेंगे। ओंकार पर्वत पर आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापना संबंधी कार्यों का प्रत्यक्ष निरीक्षण भी करेंगे। मुख्यमंत्री रेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करेंगे। इसके अलावा अन्य कहीं भी किसी को आवाजाही की अनुमति नहीं रहेंगी।