संवाददाता सुमित कुमार
Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिना अनुमति के बालिका गृह चलाया जा रहा है, जिससे 26 बच्चियां गायब मिली हैं. दरअसल, बालिका गृह में 68 बच्चियों के रहने की एंट्री मिली है, जबकि मौके पर 41 बच्चियां मौजूद थीं.
पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है. वहीं, राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी मामले को लेकर मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए कहा कि भोपाल के आंचल बालगृह का निरीक्षण किया गया. इस दौरान बालगृह के अधिकारियों एवं बालगृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की. इसमें पता चला कि बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है. संलग्न सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थीं. निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं. सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही हैं.
शिवराज ने की कार्रवाई करने की मांग
उन्होंने कहा कि बालगृह के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बच्चों को चाइल्ड इन स्ट्रीट सिचुऐशन से रेस्क्यू कर बिना बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किए यहां रखा जा रहा है. यह बालगृह पूर्व में रेलवे चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था संचालित कर रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.’
वहीं, प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के परवलिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया. यहां NGO संचालक सरकारी एजेंसी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत है. उसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में काम किया है. सरकार की बिना अनुमति के बच्चों को सड़कों से रेस्क्यू किया गया. साथ ही बिना लाइसेंस इसे चलाया जा रहा है और इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से बच्चियों को रख कर उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियां हिंदू हैं. काफी कठिनाई के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है. दुर्भाग्य से मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही NGO से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं. मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दिया गया है.