लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बीच नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और कुशीनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक कुशीनगर में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और खड्डा तहसील के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ की वजह से कुशीनगर जिले के नारायणपुर के एक टापू पर 66 लोग फंस गए थे जिनमें से अब तक 62 लोगों को निकाला जा चुका है बाकी को निकालने का काम जारी है। राप्ती नदी श्रावस्ती में खतरे के निशान को पार कर गई है। यहां 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक और पीएसी की दो टीम तैनात हैं।
जिले में 19 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और राप्ती बैराज पर लगातार निगरानी की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक श्रावस्ती जिले में शनिवार रात बाढ़ के पानी से घिरीं 12 श्रमिक महिलाओं और उनके बच्चों को बचाने के लिए अभियान चलाया गया और उन सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। तड़के करीब तीन बजे यह अभियान संपन्न हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार बलरामपुर में भी बाढ़ की स्थिति है। यहां भी राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और बाढ़ पीएसी की एक-एक टीम तैनात हैं। इसके अलावा 32 चिकित्सा दल भी गठित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में मानसून जोर पकड़ चुका है और इन इलाकों के विभिन्न जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है।