संवाददाता- सुमित कुमार
MP: सीएम मोहन यादव ने माइनिंग सेक्टर को लेकर गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि यह विभाग एक बड़ा संकट वाला क्षेत्र है, जहां निर्णय लेने से पहले बहुत सोच-समझकर कदम उठाने की आवश्यकता होती है।
सीएम मोहन यादव ने यह बात कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 2 दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में उद्योगपतियों और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही।
सीएम मोहन यादव ने कहा, "माइनिंग डिपार्टमेंट को मैंने अपने पास इसलिए रखा क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत सारी शिकायतें आती थीं। यह सुनिश्चित करना मेरी प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र में पारदर्शिता और शुचिता बनी रहे।" उन्होंने बताया कि वर्तमान में माइनिंग सेक्टर में राज्य सरकार को 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
सीएम मोहन ने उद्योगपतियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा, "व्यापार और व्यवसाय में उद्योगपतियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सरकार इस पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है और हर महीने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है।"
सीएम मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में माइनिंग कार्यों में शुचिता और पारदर्शिता आई है। "मध्य प्रदेश में माइनिंग सेक्टर से अभी 10 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है, जिसे हम 50 हजार करोड़ तक पहुंचाना चाहते हैं," उन्होंने उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश का खनन क्षेत्र नदियों का मायका है और यहां मशीनों द्वारा सीधे खनन करने के कारण इको सिस्टम में बदलाव आ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में खनन न केवल संसाधनों को प्रबंधित करने का एक तरीका है, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में मदद कर रहा है।
सीएम मोहन यादव ने कहा, "मध्य प्रदेश में सोने के साथ ही हीरा भी मिल रहा है। हीरे वाले जिले का नाम पन्ना क्यों रखा गया है, यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र में अनमोल खजाने छिपे हुए हैं।" सीएम मोहन यादव ने यह भी उल्लेख किया कि पन्ना जिले में हीरा मिलने की संभावनाओं से राज्य के खनन संसाधनों की महत्ता और बढ़ जाती है।
सीएम मोहन यादव ने 2014 से पहले की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया कि उस समय देश की आर्थिक स्थिति 5वें स्थान पर थी। "लेकिन पिछले 10 वर्षों में इसमें भारी बदलाव आया है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार को कौन चला रहा है और अधिकारी अपने काम को कैसे अंजाम देते हैं," सीएम मोहन यादव ने कहा यह स्पष्ट किया कि उन्होंने विभिन्न विभागों का प्रभार मंत्रियों को सौंपा है, लेकिन माइनिंग डिपार्टमेंट को अपने पास रखा है।