संवाददाता- आर्यन चौधरी
Raipur: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के मास्टरमाईंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर चौतरफा एक्शन हुआ है। एक तरफ सुरेश चंद्राकर के अवैध ठिकाने पर बुलडोजर चला है, तो वहीं दूसरी तरफ जीएसटी ने भी ठेकेदार के खिलाफ शिकंजा कसा है। अब ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का ठेका पंजीयन राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। वहीं ठेको को भी लोक निर्माण विभाग ने निरस्त कर दिया है। इस बाबत राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी भी कर दिया गया है। आपको बता दें कि बस्तर में सड़क निर्माण के कई काम सुरेश चंद्राकर कर रहा था। अब राज्य सरकार ने सभी कार्यों को लेकर ठेकेदार को नोटिस जारी किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जीएसटी का अपवंचन करने वाले वाणिज्यिक फर्मों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। इसी सिलसिले में राज्य वाणिज्यिक कर विभाग ने बीजापुर जिले में स्थित सड़क निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों पर विगत 27 दिसंबर को निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि फर्म ने विगत वित्तीय वर्षों में 2 करोड़ से अधिक की अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि राज्य वाणिज्यिक कर विभाग की जांच में पाया गया है कि फर्म द्वारा विगत वर्षों में पात्रता से अधिक आईटीसी दावों की पहचान की गई है। वाहनों और कपड़ों जैसे अपात्र वस्तुओं पर आईटीसी का दावा किया गया जो जीएसटी प्रावधानों के खिलाफ है। व्यावसायिक स्थल पर आवश्यक रिकॉर्ड और चालान अधूरे पाए गए हैं। सीमेंट और सरिया के क्रय दिखाकर बड़ी राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया है, उस अनुपात में बिटूमीन क्रय नहीं दिखाया है।
विक्रेता ने इन विसंगतियों को स्वीकार करते हुए 30 दिसंबर 2024 को 30 लाख रूपये टैक्स का प्रारंभिक भुगतान किया है। अन्य भुगतान दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी लंबित हैं। विभाग द्वारा जीएसटी रिटर्न और बैंक विवरणों के मिलान सहित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच की जा रही है, जिससे अंतिम देयता निर्धारित की जा सके। उल्लेखनीय है कि जीएसटी अपवंचन के मामलों में मिल रही शिकायतों के मद्देनजर राज्य में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर वाणिज्यिक फर्माें की जांच की जा रही है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा ऐसे मामलों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।