घोसी सीट से विधानसभा उपचुनाव हारने के महीनों बाद दारा सिंह चौहान को राज्य की विधान परिषद की एक सीट के लिए उपचुनाव के लिए भाजपा का एमएलसी उम्मीदवार नामित किया गया है। दारा सिंह चौहान जो पहले भाजपा नेता थे, सपा में शामिल हो गए और 2022 में घोसी सीट से जीते, 2023 में एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए।
उन्होंने घोसी सीट से उपचुनाव लड़ा लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार सुधाकर सिंह से हार गए। हालांकि, लंबे इंतजार के बाद भाजपा ने दारा सिंह चौहान को दूसरा मौका दिया है।
एमएलसी उपचुनाव में दारा की उम्मीदवारी के ऐलान के साथ ही अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में उन्हें मौका दिया जा सकता है। दरअसल, दारा सिंह चौहान योगी सरकार पार्ट 1 में मंत्री थे। 2022 चुनाव से ठीक पहले उन्होंने योगी सरकार और पार्टी पर कई बड़े आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। वह बाद में सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें घोसी से उम्मीदवार बनाया। हालांकि, पिछले दिनों वह भाजपा में शामिल हो गए जिसके बाद इस सीट पर दोबारा चुनाव की स्थिति हुई। दारा सिंह चौहान ने 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
वहीं, सुधाकर सिंह 2012 से 2017 तक घोसी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे जबकि इसके पहले वह मऊ जिले के नत्थुपुर (अब मधुबन) विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सुधाकर को घोसी में 2017 में भारतीय जनता पार्टी के फागू चौहान ने पराजित कर दिया था। चौहान 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के वन मंत्री से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे और घोसी विधानसभा क्षेत्र से सपा के चुनाव चिह्न पर निर्वाचित हुए।