Apr 11, 2023, 10:37 IST

Bhopal News: शिक्षण संस्थानों ने स्कूल सामग्री लेने विद्यार्थियों पर बनाया दबाव तो होगी सख्‍त कार्रवाई, लगाई धारा 144 की बंदिश

Bhopal News: शिक्षण संस्थानों ने स्कूल सामग्री लेने विद्यार्थियों पर बनाया दबाव तो होगी सख्‍त कार्रवाई, लगाई धारा 144 की बंदिश

सुमित कुमार, संवाददाता

Bhopal News: शहर में यदि किसी भी शिक्षण संस्थान, स्कूल या फिर विद्यालय द्वारा स्कूल सामग्री लेने विद्यार्थियों एवं उनके स्वजनों पर दबाव बनाया तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को सभी एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं।

उन्होंने इस संबंध में धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। जिसमें बताया गया है कि कोई भी शिक्षण संस्थान, सकूल, विद्यालय अपने विद्यार्थियों को किसी विशेष संस्थान, दुकान से पुस्तक, किताब और स्टेशनरी का सामान खरीदने के लिए दबाव नहीं डालेगा और न ही किसी भी प्रकार के निर्देश देगा। यदि किसी स्कूल, संस्था के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में यह भी सुनिश्चित करें कि शिक्षण संस्थानों द्वारा बच्चों और पालकों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाए। यदि किसी भी शिक्षण संस्थान द्वारा इस प्रकार का कोई निर्देश या सामान खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है तो उन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लवानिया ने फरवरी में ही इस संबंध में धारा 144 के तहत आदेश जारी किए थे। हालांकि, तीन अप्रैल से सभी स्कूल खुल चुके हैं। ऐसे में अधिकांश पालकों ने ड्रेस और किताबें पहले ही खरीद ली हैं। निजी स्कूल संचालकों ने उन्हें एक ही दुकान से ड्रेस और किताबें खरीदने को मजबूर किया। पालकों का कहना है कि यदि आदेश पहले निकला होता तो स्कूल संचालकों की मनमानी नहीं चलती। हालांकि यह आदेश तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लवानिया ने पूर्व में जारी कर दिया था।

वर्तमान में भोपाल में पालक महंगी ड्रेस और किताबें खरीदने को मजबूर है। इस कारण उन्हें मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ रही है। पहली से आठवीं तक की किताबों के सेट 2500 से 6000 रुपए तक मिल रहे हैं। यदि पालक दूसरी दुकानों पर जाते हैं तो वहां नहीं मिल पाती। ऐसा ही ड्रेस को लेकर भी है। स्कूल का लोगो लगी यूनिफार्म निर्धारित दुकानों से ही मिल रही है। ऐसे में कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों की शर्ट-पेंट ही एक हजार रुपए या इससे ज्यादा में मिल रही है।