Jan 12, 2023, 15:55 IST

Tiger Project: मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन को जल्द ही माधव नेशनल पार्क में किया जायेगा शिफ्टिंग

Tiger Project: मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन को जल्द ही माधव नेशनल पार्क में किया जायेगा शिफ्टिंग

सुमित कुमार - संवाददाता

MP: मध्य प्रदेश में एक और नेशनल पार्क जल्द ही बाघों से आबाद होने जा रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व में चौथी पीढ़ी की युवा बाघिन को जल्द ही शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में बाघ पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट के तहत माधव नेशनल पार्क में 15 जनवरी से तीन बाघ शिफ्ट किए जाने हैं। इसमें ​पन्ना, बांधवगढ़ से एक-एक बाघिन और भोपाल से एक टाइगर को शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है। यहां कुल पांच बाघों को बसाया जाएगा।

Panna Tiger Reserve के फील्ड डायरेक्टर बृजेन्द्र झा ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनके यहां से एक बाघिन को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क भेजने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली गई हैं। एक युवा बाघिन को चिन्हित कर उस पर नजर बनाए हुए हैं। वैसे वन्य प्राणी विशेषज्ञों की टीम टाइगर रिजर्व आकर यह निर्णय लेगी कि कौन सी बाघिन को शिफ्ट करना ज्यादा उचित होगा, उसके बाद ही शिफ्टिंग की जा सकेगी।

शिवपुरी जिले में माधव नेशनल पार्क की स्थापना 1956 में की गई थी। 67 साल पहले इसका ऐरिया काफी कम था, लेकिन यहां बाघ की आबादी मौजूद थी। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीब 26 साल पहले यह नेशनल पार्क बाघ विहीन हो गया था। अब यहां एक बार फिर बाघों की दहाड़ गूंजेगी। पन्ना, बांधवगढ़ और भोपाल से यहां दो बाघिन और एक बाघ को पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट के तहत लाया जा रहा है।

टाइगर ​स्टेट MP में बीते 14 सालों में पन्ना और सागर के नौरादेही अभयारण्य में बाघ पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट के तहत बाघों को बसाया गया था। पन्ना में साल 2009 में तीन बाघ लगाए गए थे, इनमें एक बाघ और दो बाघिन थीं। इनके मिलन से साल 2010 में पहली दफा 3 शावकों का जन्म हुआ था, उसके बाद से लगातार यहां बाघों का कुनबा बढ़ता जा रहा है और वर्तमान में 80 के आसपास बाघ यहां मौजूद हैं। बीते एक साल में ही यहां 16 से अधिक शावकों का जन्म हुआ है।

सागर जिले के नौरादेही वन्य प्राणी अभयारण्य में साल 2018 में कान्हा से बाघिन राधा और बांधवगढ़ से टाइगर किशन को लाया गया था। इनके मिलन के बाद साल 2019 में तीन शावकों का जन्म हुआ था। बता दें कि वर्तमान में यहां दूसरी पीढ़ी के शावक मौजूद हैं और महज महज 4 साल के अंतराल में यहां दो से 12 बाघ हो गए हैं। 

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में स्थित माधव नेशनल पार्क को भले ही 1956 में स्थापित किया गया था, सदियों से यह इलाका टाइगर सहित वन्य प्राणियों का ​घर रहा है। इतिहास के पन्नों में यह इलाका ग्वालियर के मुगल सम्राट और राजा-महाराजाओं की शिकारगाह रहा है। लगातार शिकार के चलते एक समय बाद यहां बाघों की संख्या खत्म हो गई थी।