Updated: Jul 15, 2022, 08:26 IST

झारखंड में बारिश जानें दिल्ली-महाराष्ट्र सहित अन्य राज्य के मौसम का हाल

झारखंड में बारिश जानें दिल्ली-महाराष्ट्र सहित अन्य राज्य के मौसम का हाल
यूपी को बारिश का इंतजार

मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल उत्तर प्रदेश में मॉनसून की सामान्य बारिश होने के लिए अभी करीब एक सप्ताह तक इंतजार करना पड़ सकता है.

सोनभद्र से मॉनसून की एंट्री के बाद इसकी रफ़्तार धीमी पड़ चुकी है. इसकी वजह से जैसा अनुमान लगाया गया था वैसी बारिश अभी तक नहीं हो सकी हैं.

झारखंड में बारिश जारी

झारखंड की राजधानी रांची सहित कई जिलों में सुबह से ही हल्की बारिश का दौर जारी है. लेकिन धान रोपने के लिए अभी और इंतजार करना होगा क्‍योंकि जमीन अभी भी पूरी तरह से गीली नहीं हो पायी है.

तेलंगाना में भारी बारिश

तेलंगाना में भारी बारिश जारी है. आईएमडी दिल्ली के अनुसार 15 जुलाई से कोंकण और गोवा, गुजरात क्षेत्र, मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना में होने की संभावना है. वहीं 15 जुलाई को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और 17 और 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना है.

दिल्ली में उमस भरी गर्मी

दिल्ली में गुरुवार को मौसम गर्म और उमस से भरा रहा तथा अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार को भी कल जैसा ही मौसम रहने की संभावना है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को हल्की बारिश के साथ आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे. अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 38 और 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा.

राजस्थान में मॉनसून का दौर जारी

राजस्थान में मॉनसून का दौर जारी है जहां बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई. इस दौरान सबसे अधिक 140 मिलीमीटर बारिश झालावाड़ के डग में दर्ज की गयी. आगामी 48 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतर स्थानों पर बारिश का दौर जारी रहेगी.

महाराष्ट्र और केरल में बारिश का दौर जारी

महाराष्ट्र के पालघर जिले में गुरुवार को भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के कारण मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. इधर उत्तरी केरल में बीते कुछ दिन में मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं ने भारी तबाही मचाई है. राज्य के कासरगोड, कोझिकोड और वायनाड जिलों में नदियां उफान पर हैं, जिसके चलते लोगों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करना पड़ा है.