नाटिंघम। बचपन में हम सभी ने एक अदृश्य बल्ले के साथ कई अजीबोगरीब शॉट लगाने की कोशिश की हैं। हालांकि फिर हम बड़े हुए और हमें समझ आया कि इस तरह से शॉट लगाना कितना कठिन और असंभव है। साथ ही गेंदबाज़ प्रयास करता है कि आप उस दिशा में शॉट लगाए जहां फ़ील्डर पहले से ही तैनात हो। ट्रेंट ब्रिज में सूर्यकुमार यादव हमारे अंदर छिपे बच्चे की तरह खेल रहे थे और मैदान के चारों तरफ हैरतअंगेज शॉट लगा रहे थे। यह तो सब जानते है कि आप अजीब पोज़िशन में आए बिना लेग स्टंप की फ़ुल गेंद को प्वाइंट के पीछे छक्के के लिए नहीं भेज सकते हैं।
हालांकि सूर्यकुमार ने हल्का सा रूम बनाया, बैकफ़ुट को नीचे झुकाया, बल्ले का चेहरा खोला और अंतिम समय पर कलाइयों को मोड़ते हुए गेंद को डीप प्वाइंट फील्डर से दूर भेजा। क्रिस जॉर्डन की वह गेंद सीमा रेखा के बाहर जाकर गिरी। अगर उस गेंद पर सूर्यकुमार फ़्रंटफ़ुट पर आते तो शायद यॉर्क हो जाते। वह फ़ील्ड के अनुसार डाली गई सटीक गेंद थी लेकिन सूर्यकुमार ने जगह बनाते हुए उसे दर्शकों के बीच भेजा। सिर्फ़ इतना ही नहीं। इससे पहले रिचर्ड ग्लीसन के विरुद्ध उन्होंने कवर प्वाइंट के ऊपर से छक्का जड़ा।
Ending the series with a special knock 🇮🇳
— Surya Kumar Yadav (@surya_14kumar) July 10, 2022
Onwards & Upwards 💯 pic.twitter.com/nRLut2wvMq
शुरुआत में डेविड विली की गेंद पर स्वीप लगाई, जॉर्डन की सटीक शॉर्ट ऑफ़ लेंथ गेंद को एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से ड्राइव किया गया और लियम लिविंगस्टन की छोटी लेग ब्रेक गेंद को शॉर्ट फ़ाइन लेग के सिर के ऊपर भेजा गया। यह सब नेट में या अभ्यास के दौरान नहीं बल्कि 216 के लक्ष्य का पीछा करते हुए किया गया जिसमें सूर्यकुमार के अलावा किसी भारतीय बल्लेबाज़ ने 28 से ज़्यादा रन नहीं बनाए।
55 गेंदों का सामना करते हुए सूर्यकुमार ने 117 रन बनाए जिसमें केवल पांच बार वह नियंत्रण में नहीं थे। इससे कम ग़लतियों के साथ अब तक केवल पांच ही शतक बनाए गए हैं और उनमें से भी केवल तीन पारियों में कुल स्ट्राइक रेट 200 से अधिक था। इस पारी में सूर्यकुमार ने बल्लेबाज़ी करने की तकनीक को चुनौती दी। ऋषभ पंत की तरह विकेट के पीछे शॉट लगाने के लिए आपको जोखिम लेना पड़ता है। सूर्यकुमार ने इतनी आसानी के साथ वह शॉट लगाए और तेज़ गति से रन बटोरे।
कप्तान रोहित शर्मा, सूर्यकुमार की इस पारी से काफ़ी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, “यह टी20 क्रिकेट की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक थी। जब आप इतने बड़े लक्ष्य का पीछे करते हुए इस तरह बल्लेबाज़ी करते हैं, यह आपकी गुणवत्ता को दर्शाता है। हमने तीन विकेट गंवा दिए थे और हमें वह साझेदारी की ज़रूरत थी जो टीम को अंत तक लेकर जाए।” रोहित ने आगे कहा, “उन्होंने आज लगभग सब कुछ सही किया। केवल इतना है कि वह नाराज़ होंगे कि वह अंत तक नहीं खड़े रह पाए। आपको ऐसी पारियां हर रोज़ देखने को नहीं मिलती और हम दोनों हाथों से इसे स्वीकार करेंगे। हमें उनकी गुणवत्ता का अंदाज़ा है। उनके पास मैदान के चारों तरफ़ शॉट है। यह बहुत ही असामान्य ख़ूबी है जो सूर्या के पास हैं।”
अंत में एक विशाल आवश्यक रन रेट के दबाव में सूर्यकुमार एक और अविश्वसनीय शॉट खेलने के चक्कर में आउट हुए। अंतिम दो ओवरों में 40 रनों की आवश्यकता होने पर मोईन अली गेंद को ऑफ़ स्टंप के बाहर शॉर्ट ऑफ़ लेंथ पर रख रहे थे। ऐसी गेंदों पर आम तौर पर एक्स्ट्रा कवर से स्क्वेयर थर्ड क्षेत्र में दो से चार रन मिलते हैं लेकिन सूर्यकुमार ने सामने की तरफ़ छक्का लगाने का प्रयास किया। इस शॉट के लिए उनके पास ना तो गति और ना ही सही लेंथ थी और वह आउट हो गए। हालांकि जाने से पहले उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया कि ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में मध्यक्रम का पहला स्थान लगभग उनका हो चुका है।