Jul 3, 2022, 18:54 IST

सूर्य को मजबूत करने से मिलेगा आरोग्य, यहां जानें उपाय

सूर्य को मजबूत करने से मिलेगा आरोग्य, यहां जानें उपाय

सूर्य से सीखें अनुशासित जीवन। संसार में प्रत्येक कण नियमबद्ध होकर इस सृष्टि को चलायमान रख रहे हैं। यदि सूर्य इत्यादि ग्रह पूर्ण अनुशासन, व्यवस्था एवं नियमितता का पालन करते हैं वहीं मनुष्य कर्म के नियमों द्वारा निश्चित तथा सुनियोजित है। वैदिक दर्शनों में ‘‘यथा पिण्डे तथा ब्रहाण्डे’’ का सिद्धांत प्रचलित है, जिसके अनुसार सौर जगत में सूर्य और चंद्रमा आदि ग्रहों की विभिन्न गतिविधियों एवं क्रिया कलापों में जो नियम है, वही नियम मानव शरीर पर है। 

ज्योतिष में ग्रहों का दूषित प्रभाव दूर करने के अनेक उपाय हैं। जिस प्रकार सूर्य या चंद्रमा अपने मार्ग पर सीधे और समय पर चलते हैं या जिस प्रकार ऋतुयें अपना प्रभाव समय पर दिखाती हैं तो जीवन सुचारू होता है यदि व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन रखें तो कोई रोग, कोई असफलता तथा हानि संभव ही नहीं है। अतः जीवन में सर्वापरी सत्ता अनुशासन की है। अतः जीवन में अनुशासन बनाये रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सूर्य के उपाय करने चाहिए, अपने जीवन में समय का पाबंद होने के लिए, कठोर प्रयास करना चाहिए। 

सूर्य को मजबूत करने के उपाय

  • इसके लिए सूर्य के कमजोर होने पर सूर्य के लिए अनेक प्रयास करना चाहिए। सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए। सूर्य को जल देते हुए प्रतिदिन 108 बार ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात मंत्र का जप करें। इसे आप किसी रविवार से शुरू करें। 
  • गाय को गेहूं और गुड़ मिलाकर खिलाएं या हर रविवार को किसी ब्राह्मण को गेहूं का दान करें। 
  • रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
  • ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
  • लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूं भरकर खिलाने चाहिए। गेहूं को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।
  • किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
  • हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
  • लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।

सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी व उत्तराषाढ़ा तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।