Oct 13, 2022, 08:13 IST

Karwa Chauth 2022: जिनका पहला करवा चौथ वो जरूर पढ़ें ये खबर

Karwa Chauth 2022: जिनका पहला करवा चौथ वो जरूर पढ़ें ये खबर

पहला करवा चौथ: अगर आप भी पहला करवा चौथ का व्रत रख रहीं हैं तो ये जानकारी आपने के लिए अहम है। सुख, वैभव, प्रेम और वैवाहिक सुख देने वाला शुक्र ग्रह 1 अक्टूबर से अस्त है। बरेली के भुता क्षेत्र निवासी ज्योतिषाचार्य’ के मुताबिक, 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा। इस दौरान विवाह, मुंडन, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं। शुक्र का अस्त होना सभी लोगों के प्रेम, सुख, धन और वैवाहिक जीवन पर असर डाल सकता है। शुक्र और गुरु के अस्त होने पर वैवाहिक जीवन और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, इसलिए जो महिलाएं पहली बार इस व्रत को रखने की सोच रही हैं वो अगले साल से इस व्रत को रखें।

ज्योतिषाचार्य  के अनुसार कुछ महिलाएं करवा चौथ का उद्यापन 16 साल में कर देती हैं, कुछ महिलाएं जीवन भर इस व्रत को रखती हैं, इसलिए अगर व्रत का उद्यापन करने की सोच रही हैं, तो शुक्र के अस्त होने के कारण अभी व्रत का उद्यापन न करें।

त्याग और समर्पण का पर्व करवा चौथ इस बार 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शाम को चंद्रमा का पूजन करके पति के दीर्घायु की कामना करेंगी। साथ ही पति को चलनी में निहार कर सौभाग्य की कामना करेंगी।

चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर, बुधवार को रात में 2:03 बजे शुरू हो जाएगी जो 13 अक्टूबर गुरुवार को रात 2:58 बजे तक रहेगी। इस अवसर पर महिलाएं सोलह शृंगार करके मां गौरी, गणेश, भगवान शंकर और कार्तिकेय का विधिविधान से पूजन-अर्चन करेंगी। चंद्रोदय के बाद पारंपरिक रूप से चलनी में पति का रूप देखने के बाद व्रत का पारण करेंगी।

गणेश, चौथ माता और चंद्र देव की पूजा
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर नहाती हैं और फिर दिनभर निर्जल यानी बिना पानी पिए व्रत रखने का संकल्प लेती हैं। शाम को चंद्रमा का दर्शन कर के अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर महिलाएं व्रत खोलती हैं। इस दिन श्रीगणेश, चतुर्थी माता और फिर चंद्र देव की पूजा होती है।

रात्रि 8:07 बजे निकलेगा चांद
13 अक्टूबर को चतुर्थी शाम 5:45 से 6:59 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बार करवा चौथ में चांद का पूजन विशेष फलदायी होगा। चंद्रमा का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। पूजन चंद्रोदय के पहले करना उत्तम होगा। चंद्रोदय रात 8.07 बजे होगा। इससे पहले प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं। चतुर्थी 13 को सुबह 3:01 से शुरू होकर 14 अक्टूबर को 5:43 बजे तक रहेगी। 

ऐसे करें पूजन
करवाचौथ के व्रत में शिव पार्वती, कार्तिकेय, श्रीगणेश और चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास या सास की उम्र के समान किसी सुहागिन के पैर छूकर सुहाग की सामग्री भेंट करना उत्तम होता है। पूजन से पहले छत या आंगन में गाय के गोबर से लीपकर और स्वास्तिक बनाकर पूजन करना चाहिए।