Jun 23, 2022, 09:05 IST

Guruvar Upay: नौकरी को लेकर परेशान हैं तो गुरु को इस तरह करें मजबूत

Guruvar Upay: नौकरी को लेकर परेशान हैं तो गुरु को इस तरह करें मजबूत

Guruvar Upay: बृहस्पति यानी गुरु को सभी ग्रहों में सबसे पूजनीय स्थान मिला हुआ है। गुरु का प्रभाव अत्यधिक शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु के लिये कहा जाता है कि केंद्र में स्थित गुरु लाख दोष को दूर करने वाला होता है, यह युक्ति सर्वत्र प्रसिद्ध है ‘किं कुर्वन्ति सर्वग्रह यस्य केंद्रे बृहस्पति’, अर्थात जिसके केंद्र स्थान में बृहस्पति स्थित हैं, उसका अन्य सभी ग्रह कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते। यदि केंद्र में और विशेषकर दशम भाव में गुरु हो अथवा दशमेश गुरू हो तो व्यक्ति का कार्यक्षेत्र सफल होता है।

दशम भाव से सरकारी नौकरी
हमारे देश में ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं। इसके लिए वे तैयारी भी करते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रह-नक्षत्र की कुछ विशेष परिस्थितियां सरकारी नौकरी के योग का निर्माण करती हैं। कुंडली में दशवें भाव को परम केंद्र कहा जाता है, इसके द्वारा नौकरी का आंकलन किया जाता है। पूर्व कृत कर्म के आधार अर्जित परिणाम ही इस भाव के द्वारा प्रकट किया जाता है।

पिता की स्थिति, पैतृक संपदा और शासकीय सहयोग आदि का भी पता इसी भाव से लगाया जाता है। कुंडली में लग्न के बाद इस केंद्र का ही स्थान आता है। यदि दशम भाव में कर्क का चन्द्रमा गुरु के साथ हो तथा चन्द्रमा वर्गात्तम हो तो जातक अध्यापक या शिक्षण कार्य से संबंधित नौकरी करता है।

यदि दशम भाव में शुक्र और शनि हो तथा शनि उच्चस्थ हो तथा दशमेश वर्गाोतम हो तो व्यक्ति प्रसिद्ध चिकित्सक होता है। यदि गुरू केंद्र से संबंध बना रहा हो तो सरकारी विभाग में होता है। यदि दशम भाव में उच्च सूर्य के साथ मंगल हो तो वह व्यक्ति सेना या पुलिस विभाग का मुखिया होता है। गुरू से संबंध हो तो उच्च पद में पदस्थ होता है।

यदि दशम भाव में मिथुन लग्न की कुंडली में बुध और शनि हो तो जातक लेखा परीक्षक होता है। यदि दशम भाव में उच्च मंगल के साथ शुक्र हो तो जातक प्रसिद्ध इंजीनियर होता है। इसी प्रकार यदि दशम भाव में शनि, शुक्र और द्वितीय भाव में सूर्य-मंगल हो तथा मंगल अस्त न हो तथा दशम भाव एवं दशमेश वर्गोत्म हो तो जातक उच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है।

कुंडली में गुरु के योग
• गुरु का प्रभाव यश, कीर्ति और शुभ कर्म करने वाले लोगों पर देखा जाता है। अधिकतर उच्च पदों पर कार्यरत लोगों की कुंडली में बुध-आदित्य योग जरूर होता है।
• जब किसी व्यक्ति की कुंडली में दशम स्थान में सूर्य, मंगल या गुरु की दृष्टि पड़ रही होती है तो सरकारी नौकरी का प्रबल योग बन जाता है।
• अगर किसी का लग्न मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, वृष या तुला है तो सरकारी नौकरी के लिए अच्छा योग बनते हैं।
• जब कुंडली में सूर्य, गुरु या चन्द्रमा एक साथ हो तो सरकारी नौकरी के लिए अच्छे योग बन जाते हैं।
• जन्म कुंडली में लग्न का स्वामी बलवान होकर दशम भाव में बैठे या दशम भाव में सभी शुभ ग्रह हों और दशम भाव का स्वामी बली होकर अपनी या अपनी मित्र राशि में होकर केंद्र या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति दीर्घायु होता है और उसका भाग्य राजा के समान होता है। ऐसा व्यक्ति प्रशासनिक सेवा में जाता है।
• यदि जन्मकुंडली के लग्न व दशम भाव में सूर्य का प्रभुत्व हो तो व्यक्ति राजनेता या राजपत्रित अधिकारी और मंगल का प्रभुत्व हो तो व्यक्ति के पुलिस या सेना के उच्च पद पर आसीन होने के संकेत मिलते हैं।

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ में सूर्य की दोहरी रेखा हो और बृहस्पति के पर्वत पर क्रॉस हो तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी करने का अवसर मिलता है। गुरु का प्रभाव व्यक्ति को भौतिक सुख दे ना दे लेकिन आत्मिक सुख अवश्य देता है। ये झूठा सुख नहीं देता वरण सच्चा व स्थाई सुख देता है। ये धन नहीं ज्ञान देता है। लेकिन गुरु का कुंडली में अशुभ होना अनेक परेशानियों को आमंत्रण भी देता है। अगर आप भी अपने कैरियर से परेशान हो रहे हैं तो गुरु ग्रह को इस तरह मजबूत कर सकते हैं।

गुरु को मजबूत कैसे करें
• प्रत्येक गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू चढ़ाएं।
• गुरुवार का व्रत करें।
• ॐ बृं बृहस्पते नम: का जाप न्यूनतम 108 बार जरूर करें।
• इस दिन पीली वस्तुओं का दान अपनी सार्म्थ्यनुसार करें।
• गुरुवार के दिन सूर्यादय से पहले उठ जाएं और भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं।