Jul 12, 2022, 10:16 IST

Diwali 2022: दिवाली कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

Diwali 2022: दिवाली कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

Diwali 2022:  साल 2022 में दिवाली कार्तिक मास की अमवस्या  24 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है. ऐसे में इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी  और भगवान गणेश  की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि दिवाली के दिन विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा  करने से जीवन में धन-वैभव बना रहता है. साथ ही मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन की समस्या दूर हो जाती है. 

दिवाली 2022 

पंचांग के मुताबिक इस साल यानी 2022 में दिवाली 24 अक्टूबर को पड़ रही है. इस दिन अमावस्या तिथि शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है. जबकि अमावस्या तिथि की समाप्ति 25 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर हो रही है. 

दिवाली 2022 चौघड़िया मुहूर्त (दिन का)

  • अमृत- 06:27 ए एम से 07:52 ए एम
  • शुभ- 09:16 ए एम से 10:41 ए एम
  • चर- 01:30 पी एम से 02:54 पी एम
  • लाभ- 02:54 पी एम से 04:18 पी एम

दिवाली 2022 चौघड़िया मुहूर्त (रात का)

  • लाभ- 10:30 पी एम से 12:05 ए एम, अक्टूबर 25
  • शुभ- 01:41 ए एम से 03:17 ए एम, अक्टूबर 25
  • अमृत- 03:17 ए एम से 04:52 ए एम, अक्टूबर 25
  • चर- 04:52 ए एम से 06:28 ए एम, अक्टूबर 25

दिवाली पूजा विधि 2022 

दिवाली के दिन लोग अपने घरों में मां लक्ष्‍मी और गौरी पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं. इनकी पूजा के लिए पूजा स्थान को स्वच्छ किया जाता है. उसके बाद पूजा स्थल पर या पूजा घर में लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है. मां लक्ष्‍मी लक्ष्मी की मूर्ति को गणेश जी के दाहिने तरफ स्थापित किया जाता है. इस बात का ध्यान रखा जाता है कि दोनों ही मूर्तियों का चेहरा पूरब या पश्चिम दिशा की तरफ हो. लक्षमी जी की मूर्ति के दाहिनी तरफ आठ दिशाएं उंगली से बनाई जाती हैं. उस पर जल से भरा कलश रखा जाता है. कलश में चंदन, दूर्वा, पंचरत्‍न, सुपारी या आम के पत्‍ते डालकर उस पर नारियल रखा जाता है. इसके बाद मूर्तियों के सामने पूजा सामग्री की थाली रखी रखी जाती है. दो बड़े दीये में देसी घी डालकर ग्‍यारह छोटे दिये में तेल भरकर रखा जाता है. ये सभी काम शुभ मुहूर्त शुरू होने से पहले ही कर लिया जाता है. इसके बाद मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करके कथा आरती की जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.globalnews10  इसकी पुष्टि नहीं करता है.)