President Droupadi Murmu: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से 70 व्यक्तियों का एक समूह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपनी शिकायतें साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा पर निकला।
नक्सली हिंसा के कारण वर्षों तक पीड़ित रहने के निशानों को सहते हुए, वे अपनी आँखों में एक उम्मीद की किरण लेकर पहुंचे थे, जो दशकों से माओवादी आतंक के कारण होने वाली परेशानियों को साझा करना चाहते थे। वह माओवाद की बेड़ियों से मुक्ति के लिए देश के सर्वोच्च पद पर असीन व्यक्ति से अपील करने पहुंचे थे।
बस्तर शांति समिति के इन सदस्यों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ अपनी मार्मिक मुलाकात के दौरान, बस्तर से आए प्रतिनिधिमंडल ने अपने समुदाय पर माओवादी हिंसा के गहरे प्रभाव से अपना दर्द साझा किया। ये दल कर्तव्य पद पथ मार्च करेगा। उन्होंने बताया कि कैसे लगातार हमलों के कारण हज़ारों लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग हमेशा के लिए अक्षम हो गए। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों से हुई शारीरिक तबाही के अलावा, बचे हुए लोगों और व्यापक समुदाय पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर भी बहुत ज़्यादा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी ने सहानुभूति के साथ स्नेह जताते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल बच्चों को चॉकलेट दी, यह एक ऐसा क्षण था, जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी उद्देश्य कभी भी हिंसा का रास्ता अपनाने को उचित नहीं ठहरा सकता, जो हमेशा समाज के लिए बहुत महंगा साबित होता है।
President Droupadi Murmu met at Rashtrapati Bhavan many victims of Maoist violence from Bastar region of Chhattisgarh. She believes no objective can ever justify taking the path of violence, which invariably proves too costly for the society. Left-wing extremists should abjure… pic.twitter.com/aZbV5lmr7s
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 21, 2024
वामपंथी चरमपंथियों को हिंसा छोड़ देनी चाहिए, मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए, और वे जिस भी समस्या को उजागर करना चाहते हैं उसे हल करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। यही लोकतंत्र का रास्ता है और यही रास्ता महात्मा गांधी ने हमें दिखाया था।' हिंसा से तबाह इस दुनिया में हमें शांति के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
इससे पूर्व नक्सल पीड़ितों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि मोदी सरकार ने बस्तर के 4 जिलों को छोड़कर पूरे देश में नक्सलवाद को खत्म करने में सफल रही है। वहीं देश से नक्सल समस्या को विदाई देने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को समाप्त करने के साथ ही नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर अपने हथियार को छोड़ने की अपील की थी।