New Delhi: युद्ध शुरू होने के 2 साल बाद पहली बार नई दिल्ली की यात्रा पर आए यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने आज भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की है।
गुरुवार को दो दिनों की यात्रा पर दिल्ली पहुंचें यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भारत के साथ रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे यु्द्ध में 'शांति कैसे लाई जाए' इस मुद्दे पर बात की है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री को आमंत्रित किया था।
मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने यूक्रेनी समकक्ष से कहा, कि "आपकी यात्रा हमें आपके अपने क्षेत्र की स्थिति को समझने का अवसर देती है।" भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, कि "हमारी चर्चा के केन्द्र में यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभाव शामिल थे।" इसके अलावा, दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की है।
नई दिल्ली में उतरने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कुलेबा ने कहा, कि वह रूस के साथ शांति समझौता कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच संचार माध्यम के रूप में काम करेंगे।
An open and wide-ranging conversation with Ukraine FM @DmytroKuleba this afternoon.
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) March 29, 2024
Our discussions focused on the ongoing conflict and its wider ramifications. Exchanged views on various initiatives in that context.
Spoke as well on global and regional issues of interest to… pic.twitter.com/rxoeW8UKhB
इस महीने की शुरुआत में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और पीएम नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत की थी, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री से शांतिदूत की भूमिका निभाने का आग्रह किया था। बदले में पीएम ने भी यही बात दोहराई थी।
भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान भी यूक्रेनी विदेश मंत्री ने युद्ध को लेकर बात की है और जंग को खत्म करने के लिए भारत की मदद मांगी है।
इससे पहले, जनवरी में भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कुलेबा ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और कीव के शांति फॉर्मूले पर ध्यान केंद्रित करते हुए फोन पर बातचीत की थी। बातचीत के बाद, कुलेबा ने कहा था, कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष को "शांति सूत्र" और नेताओं के 'वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन' के लिए यूक्रेन की योजना से अवगत कराया है।
आने वाले महीनों में स्विट्जरलैंड में एक शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है। लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि युद्ध में मुख्य भूमिका निभा रहे रूस को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया।