Feb 24, 2023, 08:54 IST

2448 किमी की घातक रफ्तार से वार करती है यह मिसाइल, हवा में मार करने वाली इस मिसाइल से लैस हुई पूर्वी कमान

2448 किमी की घातक रफ्तार से वार करती है यह मिसाइल
गुवाहाटी: भारतीय सेना की ताकत को नई पहचान मिली है। एमआरएसएएम मिसाइल को ईस्टर्न कमांड में शामिल कर लिया गया है। डीआरडीओ द्वारा बनाई गई इस मिसाइल के जरिए दुश्मन पर घातक और सटीक वार किया जा सकता है। इस मिसाइल की रफ्तार 2448 किमी/घंटा रहती है, यानी कि पलक झपकते ही दुश्मन नेस्तनाबूत हो जाएगा। पूर्वी कमान के प्रवक्ता (गुवाहाटी) ने इसके बारे में जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेजिमेंट को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एमआरएसएएम वेपन सिस्टम से लैस किया गया है। इजरेली एरोस्पेस इंडस्ट्रीस के साथ मिलकर इसे तैयार किया गया है। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। बता दें कि इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इजरायल के आईएआई कंपनी के साथ मिलकर बनाया है।

इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी एमआरएसएएम ही है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (सरफेस टू एयर मिसाइल-एसएएम) आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लांचर सिस्टम होता है। यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है। एमआरएसएएम (मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल) का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है। लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है। इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है। यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लांच होने के बाद धुआं कम छोड़ती है। इस समय केंद्र सरकार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है। पिछले कुछ सालों में उस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत में बने हथियार जब सेना के जवाब इस्तेमाल करेंगे तो उनका आत्मविश्वास अलग स्तर का रहेगा।