Oct 12, 2023, 21:19 IST

India-Canada Dispute: विदेशमंत्री जयशंकर को मिली 'Z' कैटेगरी की सुरक्षा

विदेशमंत्री जयशंकर को मिली 'Z' कैटेगरी की सुरक्षा

New Delhi: भारत-कनाडा विवाद के बीच सिख चरमपंथियों पर अपने सख्त रुख और कड़ी टिप्पणियों के बाद विदेशमंत्री एस जयशंकर के खिलाफ 'खतरे के आकलन' के मद्देनजर गुरुवार को उनकी सुरक्षा कवर को 'Z' कैटेगरी में अपग्रेड कर दी गई है.

सरकार के सूत्रों ने बताया, विदेशमंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय इन खतरों के आकलन के बाद लिया गया था." बता दें कि सरकार कई स्तरों का सुरक्षा कवर प्रदान करती है, जिसमें Z+, Z, Y+, Y जैसी सुरक्षा व्यवस्था शामिल है.

Z+ सुरक्षा के तहत, उदाहरण के लिए केंद्रीय गृहमंत्री जैसे राष्ट्रीय महत्व के 55 कमाडों की मजबूत सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिसमें विभिन्न बलों के कर्मी और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 10 कमांडो भी शामिल होते हैं. साथ ही स्थानीय पुलिस भी उनके साथ मिलकर काम करती हैं.

Z सुरक्षा में 30 सशस्त्र कर्मी शामिल होते हैं, जिन्हें आवासीय-मोबाइल सुरक्षा और एस्कॉर्ट वाहनों के बीच विभाजित किया जाता है. Y+ सुरक्षा में, पांच कर्मी व्यक्ति के आवास पर ड्यूटी पर होते हैं और छह अन्य – व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) जो व्यक्ति के साथ जाते हैं – तीन शिफ्टों में काम करते हैं.

इस हफ्ते की शुरुआत में, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को उनकी फिल्मों, पठान और जवान की सफलता के बाद कथित तौर पर जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार से Y+ सुरक्षा कवर मिला था.

Y + कैटेगरी की सुरक्षा के तहत घर पर पांच जवान तैनात रहते हैं और तीन PSO रोटेशन पर काम करते हैं. X सुरक्षा के तहत, केवल तीन PSO तैनात होते हैं जो तीन शिफ्टों में व्यक्ति के साथ जाते हैं, एक विशेष समय पर केवल एक. इस श्रेणी के अंतर्गत कोई आवासीय सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है. इसके अलावा X श्रेणी की सुरक्षा के विपरीत जहां स्थानीय पुलिस तैनात होती है, अन्य चार श्रेणियों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों का उपयोग किया जाता है.

पिछले महीने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि ओटावा भारतीय एजेंटों और जून में कनाडा में सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच “संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है”

तीखे शब्दों में आरोप का खंडन करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि “कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके और राजनीति से प्रेरित हैं”.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है: "इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है.