Thu, 4 May 2023

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा

बेनौलिम (गोवा)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की तथा यूक्रेन संघर्ष एवं साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक से इतर तटीय रिसॉर्ट में हुई। रूस के विदेश मंत्री लॉवरोव आज सुबह एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने गोवा पहुंचे। 

एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन पर क्रेमलिन पर हमला करने और राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन की हत्या करने का असफल प्रयास करने का आरोप लगाया था। जानकार सूत्रों ने बताया कि जयशंकर और लॉवरोव ने वैश्विक भू राजनीतिक उथल पुथल की पृष्ठभूमि में अपने द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान कारोबार से जुड़े मुद्दे उठे या नहीं। 

भारत कारोबार असंतुलन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के विषय को रूस के समक्ष उठाता रहा है जो अभी मास्को के पक्ष में है। पिछले कुछ महीने में व्यापार असंतुलन रूस के पक्ष में और झुका है, जब से यूक्रेन संकट के आलोक में भारत ने रूस से सस्ती दर पर कच्चे तेल की खरीद को बढ़ाया है। 

एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है तथा यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है। एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे।