Dec 8, 2023, 21:42 IST

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- जजों की नियुक्तियों पर किस वजह से हमेशा रहती है खींचतान

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- जजों की नियुक्तियों पर किस वजह से हमेशा रहती है खींचतान

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि जजों की नियुक्तियों पर अंतिम नियंत्रण किसका हो, इसको लेकर हमेशा खींचतान की स्थिति रहती है

भारत के प्रधान न्यायाधीश बोले कि यह स्थिति रिक्तियां आने और लंबे समय तक नियुक्तियां लंबित रहने पर भी रहती है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) की मुंबई बेंच के नए परिसर के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही है।

सीजेआई ने कहा है कि अदालतों में होने वाली देरी को निपटाने में ट्रिब्यूल बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से मददगार साबित होते हैं, जिससे न्याय व्यवस्था में सहायता मिलती है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'ट्रिब्यूनल्स का एक उद्देश्य हमारी अदालतों में होने वाली देरी से निपटना और उससे संघर्ष करना था और यह उम्मीद की गई थी कि ये ट्रिब्यूनल, जो सबूत और प्रक्रिया के सख्त नियमों से बंधे हुए हैं, अदालतों की बाधाओं को दूर करने में मदद करेंगे और न्याय दिलाने में समग्र रूप से सहायता करेंगे।'

जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि वैसे ट्रिब्यूनल भी कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त हैं और तब हममें सवाल उठता है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में इसकी स्थापना की आवश्यकता थी उन्होंने कहा, 'क्योंकि आपको जज नहीं मिलते हैं, जब आपको जज मिलते हैं, नियुक्तियां पैदा होती हैं जो लंबे समय तक लंबित पड़ी रहती है. और तब यह खींचतान लगातार बनी रहती है कि जजों की नियुक्तियों में अंतिम नियंत्रण किसका होगा।'

हालांकि, इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की व्यवस्था की सराहना की है। भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कहा महाराष्ट्र के बार और बेंच (वकील और जज) के सदस्यों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्हें यहां अनुकूल स्थिति मिलती है। उनके मुताबिक देश में अन्य जगहों पर ऐसा नहीं है, क्योंकि यहां शासन की एक संस्कृति है।

सीजेआई ने कहा, 'शासन की एक संस्कृति है, जहां सरकार ने न्यायपालिका को सफलतापूर्वक अकेला छोड़ दिया है. वे उन नतीजों को स्वीकार करते हैं, जो अनुकूल हैं. उन नतीजों को वे स्वीकार करते हैं जो प्रतिकूल हैं क्योंकि यही महाराष्ट्र की संस्कृति है.