Bangalore: इसरो ने मंगलवार को चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी नई जानकारी दी है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि रोवर 'प्रज्ञान' का चांद की सतह पर मिशन जारी है. इसरो ने ट्वीट करके बताया कि वहां लगातार वैज्ञानिक प्रयोग चल रहे हैं और इसी कड़ी में ‘रोवर’ प्रज्ञान ने बड़ी खोज की है.
इसरो ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘रोवर पर लगा उपकरण एलआईबीएस पहली बार इन-सीटू माप के माध्यम से, दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है. जैसा कि अपेक्षित था, Al, Ca, Fe, Cr, Ti, Mn, Si और O का भी पता चला है.’ एजेंसी ने आगे लिखा कि हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है.
‘लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना की पड़ताल के लिए है. एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
कुछ दिनों पहले ही वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की विशेषज्ञ और निवेशक कैंडेस जॉनसन ने शनिवार को कहा था कि चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर से यह दिखाने की उम्मीद है कि क्या चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है. नई दिल्ली में उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित बी-20 सम्मेलन में जॉनसन ने कहा था कि भारत का अंतरिक्ष मिशन सिर्फ उसके युवाओं को नहीं, बल्कि दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित कर रहा है.
इसरो ने बीते 23 अगस्त को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की थी. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ था. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया.