Oct 20, 2023, 15:39 IST

सुप्रीम कोर्ट में 4 साल सेवा देने वाले न्यायाधीश एस रविंद्र भट रिटायर, इन मामलों में दे चुके हैं अहम योगदान

सुप्रीम कोर्ट में 4 साल सेवा देने वाले न्यायाधीश एस रविंद्र भट रिटायर, इन मामलों में दे चुके हैं अहम योगदान

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल ने शुक्रवार को अपने निवर्तमान सहयोगी न्यायाधीश एस रविंद्र भट की न्यायपालिका में जबरदस्त योगदान देने के लिए सराहना की। दरअसल, न्यायाधीश एस रविंद्र भट आज रिटायर हो गए।

विदाई देने वाली औपचारिक पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायाधीश कौल ने कहा कि न्यायमूर्ति भट अपने फैसलों को लेकर काफी सही होते थे। उन्होंने बहुत योगदान दिया है। खासकर, संवैधानिक मुद्दों के मामलों में उनका योगदान सराहनीय रहा है। बता दें, एस रविंद्र भट ने साल 2019 में 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। वह 4 साल से अधिक के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

न्यायाधीश संजय किशन कौल ने कहा कि भट एक ऐसे व्यक्ति रहे हैं, जिन्होंने हर उस अदालत में बेहतरीन योगदान दिया है, जहां वह गए हैं। कौल ने न्यायाधीश एस रविंद्र भट के साथ अपने संबंधों को भी याद किया है। कहा कि न्यायाधीश के रूप में न्यायाधीश एस रविंद्र भट के कार्यकाल में कई न्याय हुए। न्यायाधीश कौल ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि न्यायाधीश एस रविंद्र भट अपने काम के प्रति जुनून को बरकरार रखेंगे। वह काम करने के लिए कोई और रास्ता निकाल लेंगे।

वहीं, न्यायाधीश एस रविंद्र भटने अपने दिए योगदान पर कहा कि करियर की शुरुआत वकील से हुई थी और खत्म न्यायाधीश के रूप में हो रही। वकील से न्यायाधीश तक का सफर काफी शानदार रहा। उन्होंने कहा कि वह अपने सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हर कोई पूछताछ, स्वतंत्रता, सहानुभूति और करुणा का दृष्टिकोण अपनाए। मुझे लगता है कि ये न केवल एक न्यायाधीश की पहचान हैं, बल्कि हर अच्छे इंसान और कानून से जुड़े हर व्यक्ति की पहचान हैं।'

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी न्यायपालिका में न्यायाधीश एस रविंद्र भट के अपार योगदान पर प्रकाश डाला और उन्हें उनके अंतिम कार्य दिवस पर शुभकामनाएं दीं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश अग्रवाल ने संस्था की ओर से न्यायमूर्ति भट को शुभकामनाएं दीं। कई अन्य अधिवक्ताओं ने भी न्यायमूर्ति भट को उनके अंतिम कार्य दिवस पर शुभकामनाएं दीं।

अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान न्यायाधीश एस रविंद्र भट कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे। वह उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था।

वह उस 5 सदस्यीय संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने पिछले साल सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 2019 में शुरू किए गए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा था, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के गरीबों को बाहर रखा गया था।

21 अक्टूबर, 1958 को मैसूर में जन्मे न्यायमूर्ति भट ने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1982 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में दाखिला लिया। उन्हें 16 जुलाई, 2004 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में 20 फरवरी, 2006 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले उन्हें 5 मई, 2019 को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।