New Delhi/ Patna: भारतीय पुलिस सेवा की 2019 बैच की आईपीएस काम्या मिश्रा का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. राष्ट्रपति भवन की तरफ से मंगलवार को काम्या मिश्रा के इस्तीफे को स्वीकार करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. चर्चित आईपीएस शिवदीप लांडे के बाद काम्या मिश्रा बिहार की दूसरी ऐसी भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी हो गई हैं, जिन्होंने अपनी सेवा अवधि में ही इस्तीफा दे दिया है. काम्या मिश्रा की गिनती एक तेज तर्रार पुलिस ऑफिसर के रूप में होती रही है.
खासकर दरभंगा में ग्रामीण एसपी के तौर पर उन्होंने कई अहम केस सुलझाए, जिनमें विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी हत्याकांड भी शामिल था। इस हत्याकांड की जांच के लिए गठित विशेष टीम का नेतृत्व खुद काम्या कर रही थीं। उन्होंने बेहद कम समय में मामले को सुलझा लिया और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। उनकी इसी काबिलियत के कारण बिहार में उन्हें ‘लेडी सिंघम’ के नाम से जाना जाता है।
22 साल की उम्र में बनीं थीं IPS
ओडिशा की रहने वाली काम्या बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थीं। 12वीं बोर्ड में 98% अंक हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने पहले ही प्रयास में 2019 में 172वीं रैंक हासिल कर IPS बन गईं। उनकी पहली पोस्टिंग हिमाचल प्रदेश कैडर में हुई थी, लेकिन उन्होंने बाद में बिहार कैडर में ट्रांसफर ले लिया। काम्या का हमेशा से लक्ष्य कानून व्यवस्था को मजबूत करना और अपराधियों पर शिकंजा कसना रहा है। अपने 5 साल के छोटे लेकिन प्रभावशाली करियर में उन्होंने पुलिसिंग में एक अलग पहचान बनाई। काम्या मिश्रा के पति अवधेश सरोज भी बिहार कैडर के 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अवधेश ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया है और दोनों की शादी 2021 में हुई थी।
काम्या मिश्रा दूसरी बड़ी आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने हाल के दिनों में अपनी नौकरी छोड़ी है। इससे पहले पूर्णिया रेंज के आईजी शिवदीप लांडे ने भी पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था। लांडे के राजनीति में आने की चर्चा थी, लेकिन उन्होंने ऐसी किसी संभावना से इनकार कर दिया था। अब काम्या मिश्रा को लेकर भी कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या वे राजनीति में कदम रखेंगी या किसी अन्य क्षेत्र में नई पारी शुरू करेंगी।
काम्या मिश्रा ने 6 अगस्त 2024 को पुलिस मुख्यालय को इस्तीफा भेजा था, लेकिन जब इस पर कोई फैसला नहीं हुआ तो वे 27 अगस्त से लंबी छुट्टी पर चली गईं। उन्होंने 180 दिनों का अवकाश लिया और फिर ड्यूटी पर वापस नहीं लौटीं। आखिरकार, महीनों तक अटके रहने के बाद केंद्र सरकार ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया।
काम्या मिश्रा का इस्तीफा स्वीकृत होने के बाद अब चर्चाएं तेज हो गई हैं कि वे आगे क्या करने वाली हैं। क्या वे राजनीति में आएंगी? क्या वे किसी बड़े निजी संस्थान से जुड़ेंगी? या फिर कोई नया मिशन शुरू करेंगी? काम्या मिश्रा का इस्तीफा पुलिस सेवा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।