Sep 16, 2022, 20:34 IST

एससीओ: गंभीर खाद्य संकट से जूझ रही दुनिया…समरकंद में PM नरेंद्र मोदी ने कही बड़ी बातें

एससीओ: गंभीर खाद्य संकट से जूझ रही दुनिया…समरकंद में PM नरेंद्र मोदी ने कही बड़ी बातें
समरकंद। भारत ने लोक केंद्रित विकास के लिए प्रौद्योगिकी आधारित नवान्वेषण एवं स्टार्ट अप्स के अनुभव तथा पारंपरिक औषधियों एवं चिकित्सा पद्धतियों को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के साथ साझा करने के लिए दो विशेष कार्य समूह बनाने का प्रस्ताव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां एससीओ के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों के 22वें सम्मेलन में यह प्रस्ताव किया।
श्री मोदी ने सम्मेलन के प्रमुख सत्र को संबोधित करते हुए खाद्य सुरक्षा के बारे में चर्चा की तथा टिकाऊ एवं भरोसेमंद आपूर्ति शृंखला बनाने की भी आवश्यकता दोहराई और इसके लिए कनेक्टिविटी मजबूत करने एवं पारगमन का अधिकार देने पर भी बल दिया। श्री मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। एससीओ के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है। भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है। एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, टिकाऊ और विविध आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को पारगमन का पूरा अधिकार दें।
प्रधानमंत्री नेे कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। भारत का युवा और प्रतिभाशाली कार्यबल हमें स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाता है। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हमारे लोक केंद्रित विकास मॉडल में टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी बहुत फोकस दिया जा रहा है। हम प्रत्येक सेक्टर में नवान्वेषण का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमें से सौ से अधिक यूनिकॉर्न हैं। हमारा यह अनुभव कई अन्य एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है। इसी उदेश्य से हम स्टार्ट अप्स एवं नवान्वेषण पर एक नए विशेष कार्य समूह की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है – और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना। इस समस्या का एक संभावित समाधान है मिलेट्स यानी मोटे अनाज की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना। मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ एससीओ देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है। वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
हमें एससीओ के अंतर्गत एक ‘मिलेट्स फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत आज विश्व में मेडिकल एवं वेलनेस पर्यटन के लिए सबसे किफायती स्थानों में से एक है। अप्रैल 2022 में गुजरात में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक औषधि केन्द्र का उद्घाटन किया गया। पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा। हमें एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसके लिए भारत एक नए एससीओ पारंपरिक औषधि कार्य समूह पर पहल लेगा। प्रधानमंत्री ने एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन एवं आतिथ्य के लिए उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिरजिय़ोएव के प्रति आभार भी जताया।