Jun 14, 2022, 10:49 IST

Pakistan के वित्तमंत्री ने जताई डिफॉल्टर होने की आशंका, PM शहबाज शरीफ को दी जानकारी

Pakistan के वित्तमंत्री ने जताई डिफॉल्टर होने की आशंका, PM शहबाज शरीफ को दी जानकारी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के वित्तमंत्री मिफ्ता इस्माइल ने देश के डिफॉल्टर होने की आशंका जताई है और उन्होंने कहा है कि, इस बाबत उन्होंने देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को जानकारी दे दी है। पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने एक बार फिर से कहा कि, अगर सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी खत्म नहीं करती है, तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा। आपको बता दें कि, पाकिस्तान में पिछले दिनों 2 बार में पेट्रोल की कीमत में 60 रुपये का इजाफा किया गया है।

जियो न्यूज के कार्यक्रम 'कैपिटल टॉक' के दौरान बोलते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी को खत्म करने पर जोर दिया है। पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने कहा कि, आर्थिक स्थिरता लाने और रुके हुए आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए, सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल की कीमत में 60 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने कहा कि, उन्हें इस बात की उम्मीद थी, कि बजट के बाद आईएमएफ कार्यक्रम में आई बाधाएं दूर हो जाएंगी। वहीं, उन्होंने एक बार फिर से कहा कि, आईएमएफ "बजट को लेकर पाकिस्तान सरकार से अभी भी नाखुश है", मुख्य रूप से इसलिए, क्योंकि सरकार ने व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) उपायों को लागू नहीं किया है।

पाकिस्तान के वित्तमंत्री मिफ्ताह ने पिछले हफ्ते यह भी कहा था कि पाकिस्तान में चल रही आर्थिक उथल-पुथल को दूर करने के लिए कदम उठाने और पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के बाद पाकिस्तान में कोई वित्तीय आपातकाल नहीं था। लेकिन, अपने ताजा इंटरव्यू में वित्तमंत्री ने कहा कि, अगर सरकार ने कीमतें नहीं बढ़ाईं तो आईएमएफ पाकिस्तान के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और अगर ऐसा हुआ तो देश को "विनाश" की ओर धकेल दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि हमें कड़े फैसले लेने होंगे। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रधानमंत्री नाखुश हैं। वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने दावा किया कि, सरकार अभी भी पेट्रोल पर 19 रुपये और डीजल पर 53 रुपये की सब्सिडी दे रही है।

पाकिस्तानी वित्तमंत्री ने कहा कि, श्रीलंका की सरकार ने भी यही किया था और आज हम जानते हैं, कि उसका अंजाम क्या हुआ। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने पाकिस्तान में इसी तरह की स्थिति की चेतावनी देते हुए कहा कि, 'आज, श्रीलंका महंगा तेल खरीद रहा है और उनके पास अपने लोगों के लिए दवाएं खरीदने के लिए धन नहीं है'। मिफ्ताह ने कहा कि, पीटीआई सरकार ने आईएमएफ के साथ सहमत निर्णय नहीं लिए। उन्होंने कहा कि, 'हम आईएमएफ के साथ बातचीत कर रहे हैं, पीटीआई ने इसके साथ अच्छा सौदा नहीं किया था'। उन्होंने कहा कि, एक बार जब आईएमएफ के साथ समझौता हो जाता है और चीन का बैंक पाकिस्तान को अपनी ऋण सुविधा प्रदान करते हैं. तो बाजार फिर से विश्वास हासिल कर लेगा।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बुरी तरह से गिर चुका है और देश में महंगाई दर काफी ज्यादा बढ़ रही है। वहीं, पाकिस्तानी रुपया भी गिरकर 200 को पार कर चुका है। पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञ और विश्लेषक आर्थिक बदहाली को देखते हुए देश में आर्थिक आपातकाल लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि आर्थिक चुनौतियों से निपटा जाए। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि, कॉरपोरेट सेक्टर को टैक्स में छूट देने के लिए जो 800 अरब रुपये रखे हए हैं, वो वापस ली जाए और भूमि और प्रॉपर्टी व्यवसाय पर नये सिरे से ज्यादा टैक्स लगाए जाएं। इसके साथ ही आर्थिक विश्लेषकों ने कहा है कि, पाकिस्तान को फौरन गैर-लड़ाकू रक्षा खर्च में कटौती करने की जरूरत है और बिजली बिलों को दोगुना तक बढ़ाकर कई अत्यंत सख्त कदम उठाने चाहिए, तभी देश आर्थिक बदहाली में फंसने से बच सकता है।