भारत में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट जेएन.1 के 6 और मामले सामने आए हैं जिससे देश में ऐसे केस बढ़कर 69 हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर मरीज फिलहाल घर पर क्वारंटीन हैं और अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय कोरोना के नए वैरिएंट की बारीकी से पड़ताल कर रहा है। राज्यों को कोविड टेस्ट बढ़ाने और अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
अधिकारियों ने कहा कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है और देश में जेएन.1 वैरिएंट का पता चला है। फिलहाल चिंता का कोई कारण नहीं है क्योंकि संक्रमित लोगों में से 92 प्रतिशत लोग घर में रहकर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं। इससे पता चलता है कि नए वैरिएंट के लक्षण हल्के हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है। दूसरी बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों में कोविड-19 पाया जाना आकस्मिक मामला है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने पिछले हफ्ते राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा था। इसमें सुधांश पंत ने कहा था कि आगामी त्योहारी सत्र को देखते हुए कोविड-19 नियंत्रण और प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान दिया जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 628 नए मामलों के साथ उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,054 हो गई। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 5,33,334 हो गई है। केरल में रविवार को कोरोना के एक मरीज की मौत दर्ज की गई थी।