Jan 16, 2022, 09:46 IST

पौष पूर्णिमा 2022: कब है पौष माह की पूर्णिमा, मां लक्ष्मी का इस विधि से करें पूजन, होगी धन वर्षा

पौष पूर्णिमा 2022: कब है पौष माह की पूर्णिमा, मां लक्ष्मी का इस विधि से करें पूजन, होगी धन वर्षा

Paush Purnima 2022: हर माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है. इसके बाद नए माह की शुरुआत होती है. पौष माह (Paush Month Purnima 2022) की पूर्णिमा 17 जनवरी के दिन पड़ रही है. इसके बाद 18 जनवरी से नए माह माघ (Magh Month 2022) की शुरुआत होगी. हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima 2022) का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान का विधान है. इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई जाती है. 


पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi Puja) करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है. इस दिन कुछ सरल उपायों को अपना कर घर में धन की वृद्धि की जा सकती है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में. 

बता दें कि पौष पूर्णिमा तिथि 17 जनवरी देर रात 3 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी.


पौष पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय  (Paush Purnima Rmedies)

-पूर्णिमा के दिन मुख्य द्वार समेत घर के दरवाजों पर तोरण लगाना शुभ माना जाता है. इस दिन मुख्य द्वार समेत अन्य दरवाजों पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण अवश्य लगाएं. इसके साथ ही दरवाजे पर स्वास्तिक अवश्य बनवाएं. ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. 


- ग्रंथों में बताया गया है कि पूर्णिमा के दिन दान करने से अश्वमेघ यज्ञ समतुल्य फल की प्राप्ति होती है. इसलिए इस दिन जितना संभव हो सके और भक्ति भाव के साथ दान करना चाहिए. गरीबों और जरूरतमंदों को अवश्य दान करें. ऐसा करने से धन का आगमन होता है. 
- मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए स्नान ध्यान के बाद पूजा के समय 11 कौड़ियां लें और इसे लक्ष्मी जी सन्मुख रख दें. इसके बाद धन प्राप्ति की कामना करें. फिर मां को हल्दी का तिलक लगाएं. अगले दिन इन कौड़ियों को लाल रंग के कपड़ें में बांधकर तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से धन का आगमन होगा.

पूर्णिमा के दिन मंदिर में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और व्यापार यंत्र जरूर स्थापित करें. मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद मां को गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें. बता दें कि मां को गुलाबी रंग अति प्रिय है.