आज 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है. इस दिन को बेहद पुण्यदायी माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की त्रिपुरासुर का अंत किया था. मान्यता है कि त्रिपुरासुर के अंत के बाद सभी देवता इसका जश्न मनाने के लिए महादेव की नगरी काशी में आए थे और दीपक जलाकर शिव के लिए दीपदान किया था.
तब से हर साल पूर्णिमा के दिन दीपदान किया जाता है और इसे देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है. इस दिन तुलसी विवाह का भी समापन होता है, इसलिए ये दिन तुलसी पूजन के लिए भी बहुत खास माना गया है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि यदि इस दिन कुछ विशेष काम हर किसी को करने चाहिए. इन्हें करने से पूर्व जन्म के पापों का अंत हो जाता है.
नदी में स्नान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि जल में निवास करते हैं. यदि आप नदी में स्नान करने नहीं जा सकते तो अपने आसपास मौजूद किसी कुंड में स्नान कर सकते हैं. इसके अलावा आप किसी टब में पानी भरकर उसमें गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. स्नान के दौरान श्रीहरि का मन में जाप जरूर करें.
दीपदान
पूर्णिमा के दिन दीपदान जरूर करना चाहिए. इससे देव प्रसन्न होते हैं और आपके पाप कटते हैं. अगर आप नदी के किनारे दीपदान नहीं कर सकते तो किसी मंदिर में जाकर दीप रख आएं और घर में कम से कम 5, 11 या 21 दीपक जरूर जलाएं.
तुलसी पूजन
तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी का शालिग्राम भगवान के साथ पूजन जरूर करना चाहिए. इससे घर में सुख् समृद्धि आती है. व्यक्ति के पाप कटते हैं और पूजन का अनंत फल प्राप्त होता है.
सत्य नारायण कथा
कार्तिक पूर्णिमा का दिन श्रीहरि की विशेष पूजा का दिन है. इसलिए इस दिन सत्य नारायण की कथा सुननी चाहिए. इससे कई समस्याएं दूर होती हैं और घर में खुशहाली आती है.
दान
कार्तिक पूर्णिमा का दिन दान के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है. इस दिन सामर्थ्य के अनुसार किसी भी जरूरतमंद को धन, अन्न, वस्त्र आदि दान करना चाहिए. इस दिन किए गए दान से दस यज्ञों के समान पुण्य प्राप्त होता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)