MP BJP अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने प्रस्तुत किया आदिवासी महिला शक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण

 

संवाददाता, सुमित कुमार 

MP News: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राजधानी के रवींद्र भवन में गुरुवार को 'उत्कर्ष और उन्मेष' कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कार्यक्रम में उपस्थित रहीं, यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत हर्ष और सौभाग्य की बात है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जनजातीय समाज की पहली महिला राष्ट्रपति हैं और वे अपनी नेतृत्व क्षमता तथा गरिमामय व्यक्तित्व से महिलाओं, जनजातीय समाज और सभी देशवासियों को प्रेरित कर रही हैं। यही वजह है कि उनकी उपस्थिति से प्रदेश की माताएं-बहनें, जनजातीय बंधु और सभी प्रदेशवासी आनंद का अनुभव कर रहे हैं।

विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और फिर साल 2000 में वह ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। अपनी योग्यता के बल पर द्रौपदी मुर्मू जी 18 मई 2015 को झारखंड की 9 वीं राज्यपाल बनाई गईं और 12 जुलाई 2021 तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी। गत वर्ष जब एनडीए की ओर से उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था, तभी प्रदेश के लोगों में खुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई थी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या में जनजातीय समाज की बड़ी हिस्सेदारी है और राष्ट्रपति के रूप में द्रोपदी मुर्मू जी के चुने जाने पर जनजातीय बंधुओं, माताओं-बहनों ने प्रदेश के अन्य लोगों के साथ उत्सव मनाया था। आज जब प्रदेश की मातृशक्ति, जनजातीय बंधु और आम नागरिक उन्हें राष्ट्रपति के रूप में अपने बीच पाते हैं, तो उनके आनंद की सीमा नहीं रहती। शर्मा ने कहा कि यह प्रदेशवासियों का प्रबल आग्रह ही है, जिसके चलते राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू सर्वाधिक पांचवीं बार मध्यप्रदेश की यात्रा पर आई हैं।

प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस 70 सालों तक जनजातीय समाज को सिर्फ वोट बैंक के नजरिए से देखती रही, कभी उनकी भलाई के लिए कोई प्रयास नहीं किए। उनके विकास और उत्थान की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई। प्रधानमंत्री स्व अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार ने अनुसूचित जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और अलग से जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना की। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस अनुसूचित जनजाति के वोट लेकर कई बार सरकारें बनाती रहीं, लेकिन कभी उन्हें अधिकार देने के लिए पेसा एक्ट की बात नहीं की।

यह एक्ट भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार ने बनाया। अंग्रेजों के रास्ते पर चलते हुए कांग्रेस हमेशा जनजातीय नायकों, क्रांतिवीरों, महापुरुषों का अपमान करती रही, जबकि भाजपा की सरकारों ने उनकी स्मृतियों को संजोने और सम्मान देने का काम किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कर्नाटक में तो वहां की कांग्रेस सरकार ने जनजातीय समाज के साथ बेईमानी की सारी हदें पार कर दी हैं। कांग्रेस की सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए अनुसूचित जनजाति के लिए लागू योजनाओं में बजट की कटौती कर रही है, जो किसी धोखाधड़ी से कम नहीं है।