MP: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह को लिखा पत्र, आदिवासी परिवार की जमीन से कब्जा छुड़ाने की मांग
MP News: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कलहरा के निवासी रतिया कोल की जमीन पर से भूमाफियाओं का कब्जा हटवाने की मांग की है। इसमें जिला भाजपा पदाधिकारी पर आरोप है और उनका कहना है कि बीजेपी नेता होने की वजह से पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अपने पत्र में उन्होने आरोपी पर कार्रवाई किए जाने और पीड़ित परिवार की जमीन छुड़ाने व उन्हें क्षतिपूर्ति दिए जाने की बात कही है।
“प्रिय शिवराज सिंह चौहान जी..कटनी जिले में एक आदिवासी परिवार की जमीन पर खनन कर लाखों रुपये की खनिज सम्पदा की चोरी करने का एक और मामला आपके ध्यान में ला रहा हूँ। आरोपी परिवार जिला भाजपा पदाधिकारी होने से पुलिस और प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। आपकी पार्टी के स्थानीय विधायक का भी खनिज सम्पदा लूटने वालों को खुला संरक्षण है। मैं गत सप्ताह कटनी जिले के दौरे पर पीड़ित आदिवासी परिवारों से मिलने विजयराघौगढ़ तहसील के दौरे पर गया था। जहाँ स्थानीय रहवासियों ने ग्राम कलहरा निवासी रतिया कोल के प्रताड़ना का प्रकरण सामने रखा। रतिया कोल की बिचपुरा गांव में खसरा नम्बर 1037/1,2,3 में 2.00 हेक्टेयर जमीन हैं। इस जमीन पर जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे विश्वनाथ गुप्ता के बेटों ने अतिक्रमण कर लिया है। सरोज मिनरल्स के संचालक राहुल और मुकेश गुप्ता ने रतिया कोल की जमीन पर कब्जा कर लिया। रतिया कोल ने जब जमीन का सीमांकन कराया तो 5 एकड़ जमीन में से एक एकड़ पर अवैध खनन पाया गया। पीड़ित किसान रतिया कोल जब गुप्ता बंधुओं से क्षतिपूर्ति का हर्जाना मांगने गया तो उसे गाली गलौच कर भगा दिया गया।
रतिया को विगत 6 माह से बरही पुलिस से लेकर राजधानी स्थित सभी प्रमुख दफ्तरों में अर्जी देकर अपनी जमीन से कब्जा हटाने और मुआवजा दिये जाने की मांग कर चुकी है। पर किसी भी स्तर पर उसकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। रतिया का आरोप है कि गुप्ता बंधुओं को विधायक सहित सत्ताधारी दल का संरक्षण प्राप्त होने से कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”
“कटनी जिले के आदिवासी किसानों की जमीन पर बेजा कब्जे किये जाने के कई मामले सामने आ रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन माफियाओं को सत्ताधारी दल का सीधा संरक्षण प्राप्त है। इसलिए जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।
मेरा आपसे विन्रम निवेदन है कि आरोपियों के विरुद्ध और उन्हें संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ एस.सी.एस.टी. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाये। रतिया कोल के मामले में तत्काल कब्जा हटाने और पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति दिये जाने के निर्देश देने का कष्ट करें।”