MP News: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, यदि संभव हुआ तो तकनीकी परीक्षण कराकर हम नर्मदा मैया का पानी यहां लाएंगे

 

संवाददाता सुमित कुमार 

Panna: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना के गुन्नौर में लाड़ली बहना सम्मलेन और जनदर्शन कार्यक्रम में कहा कि यहां के जनप्रतिनिधि और जनता ने नर्मदा जल लाने के लिए ​मांग रखी है। हम इसके लिए तकनीकी रूप से परीक्षण कराएंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह च ने कहा है कि पन्ना जिले के गुन्नौर क्षेत्र में नर्मदा जल लाने के लिए तकनीकी परीक्षण करवाया जाएगा। पन्ना जिले के नागरिकों को नर्मदा मैया का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। दरअसल पन्ना के मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सीएम के सामने नर्मदा जल को पन्ना जिले लाने के लिए डिमांड रखी थी। जिसके बाद सीएम ने खुले मंच से यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां पर करीब 677 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान आकर्षित किए जाने पर कहा कि क्षेत्र में क्षतिग्रस्त तालाब की मरम्मत और भितरी मुटमुरू बांध निर्माण का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनकल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पन्ना जिले के तीन नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिए गुन्नौर, अमानगंज और देवेन्द्र नगर के लिए एक-एक करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न मांग पत्रों और नागरिकों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पन्ना के आसपास नर्मदा नहीं मौजूद नहीं हैं तो फिर पन्ना जिले में नर्मदा जल कहां से लाया जाएगा। इसके लिए वनइंडिया ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि यहां नर्मदा जल केवल कटनी के रास्ते से आ सकता है।

दरअसल जबलपुर के बरगी डैम से बरगी व्यपवर्तन योजना जिसका निर्माण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा कराया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के चार जिलों में सिंचाई का काम होना है। जबलपुर जिले में योजना का लाभ तो मिलने लगा है।

कटनी, सतना, रीवा तक नर्मदा नदी का जल ले जाया जाएगा। पन्ना में कटनी के रास्ते नहरों और पाइप लाइन के माध्यम से ही नर्मदा जल लाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए भौगोलिक परीस्थितियां काफी हद तक निर्भर करती हैं। तकनीकी परीक्षण में यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इस योजना पर काम हो सकता है।