मोदी सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम, कांग्रेस ने लगाये गंभीर आरोप
Nehru Memorial Museum and Library renamed : मोदी सरकार ने नाम बदलने की प्रक्रिया में एक कदम और बढ़ाया है। सरकार ने नई दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया है, अब इसका नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसाइटी (PMMS) कर दिया गया है, भविष्य में अब NMML को PMMS के नाम से जाना जायेगा। नेहरू के नाम पर बने संग्रहालय से उनका नाम हटाने के बाद कांग्रेस भड़क गई है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया “संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है”, वहीँ मनीष तिवारी ने ट्वीट किया “इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।”
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलने का फैसला गुरुवार को एनएमएमएल सोसायटी की एक बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, राजनाथ सिंह सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं, जबकि पीएम मोदी सोसायटी के अध्यक्ष हैं। आपको बता दें कि स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास के रूप में कार्य करने वाले तीन मूर्ति परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय स्थपित कराया था जिसका उदघाटन पीएम मोदी ने 21 अप्रैल, 2022 को किया था और इसके उद्घाटन में करीब एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया है।
नाम बदलने पर कांग्रेस की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है कांग्रेस महासचिव , पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया – “संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जो लोग स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में जवाहर लाल नेहरू के योगदान को मिटाना चाहते हैं, वे एक बार नेहरू की गहराई को समझने के लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया और विश्व इतिहास की झलक पढ़ें, “इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।”