मोदी ने देश को विश्व में बुलंद किया: विदेश मंत्री एस जयशंकर

 

नई दिल्ली: नौ वर्ष की मोदी सरकार अपने इस छोटे से कार्यकाल को शैशवकाल नहीं, बल्कि एक जवान योद्धा के जीवन काल की तरह मान रही है, जो आत्मनिरीक्षण, आत्मपरीक्षण से गुजरना चाहता है। अब तक नरेंद्र मोदी की परछाई बनकर चल रहा भाजपा का संगठन लोकसभा चुनाव से ठीक एक वर्ष पहले सरकार की तीसरी पारी के लिए एक बहुत बड़ा संबल, अस्त्र, सहारा बन रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार की दो पारियों की परीक्षा और अब तक की उपलब्धियों से रू-ब-रू करवाने को सबसे पहला कदम और प्रयास 25 मई से शुरू हुआ। देश भर के क्षेत्रीय समाचार पत्रों के संपादकों के साथ एक इंटे्रक्शन सेशन राजधानी दिल्ली के होटल अशोका में हुआ।

200 से ज्यादा संपादकों के बीच थे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, विदेश मंत्री एस जयशंकर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर व पार्टी के वरिष्ठदाधिकारी। संपादकों से मिलन कार्यक्रम का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्मअवलोकन तो था ही, पर एक प्रयास था मोदी सरकार की नौ वर्ष की उपलब्धियों के ‘रिफ्रेश बटन’ को दबाना। विदेश मंत्री एस जयशंकर मानते हैं कि इन सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को मजबूती से बुलंद किया है।

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी को यह आवश्यकता हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अपेक्षारूप प्रदर्शन न कर पाने के कारण दिखाई पड़ी है। बड़े नेताओं की टोली के बीच एक बड़े डिप्लोमेट नेता बने एस जयशंकर के साथ समय बिताना इस कार्यक्रम का सबसे यादगार अनुभव रहा। हाजिरजवाबी और कडक़पन से विश्व के कई बड़े नेताओं की जुबान बंद करवाने वाले जयशंकर मानते हैं कि अब हर देश को विदेश नीति से भी वैश्विक प्रतियोगिता हो रही है।

नेपाल और श्रीलंका में बढ़ते चीनी दखल पर जयशंकर मानते हैं कि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लिहाजा वह अपने आसपास के देशों को प्रभावित करना चाहता है। चूंकि सभी आजाद हैं, इसलिए जिसे जो मुनासिब दिखता है, जहां उसे अपने आर्थिक हित दिखाई देते हैं, उसे अपनाता है। वह कहते हैं कि असल में अब यह प्रतियोगिता है और जो बेहतर होगा, आगे बढ़ जाएगा। विदेश मंत्री से एक सवाल का उत्तर जानना चाहा कि जब भारत दुनिया की पसंद बन रहा है, तो भी क्यों कुछ भारतीय विदेशों का रुख कर रहे हैं? शायद उनके प्रश्र के पीछे एक बड़ा आधार है, 32 मिलियन भारतीयों का विदेशों में रहना। बातचीत का दौर जैसे आगे बढ़ा, जयशंकर से जानने की जिज्ञासा उतनी ही और जागृत हुई।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को वह नरेंद्र मोदी सरकार की वैश्विक उपलब्धि के साथ देश को एक डोर में पिरोने में बहुत बड़ी सफलता करार देते हैं। यह जानने पर कि विदेशों की प्रतिक्रिया क्या रही, जयशंकर कहते हैं कि दुनिया को यह मालूम नहीं था कि धारा 370 संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था, तो वह भी हैरान थे। अपने नौ साल के कार्यकाल को सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिए समर्पित करने के दावे के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के विकास को संपूर्णता का मॉडल बताया। डिनर के दौरान चर्चा में श्री नड्डा कहते हैं कि मोदी ने वह किया, जो कहा। वह यूपीए के दस सालों को देश के इतिहास का सबसे भ्रष्ट दौर बताते हैं।

असल में भाजपा का यह कार्यक्रम ‘डिजिटल एग्जीविशन’ था और इसका जिम्मा रहा आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर के पास। भाजपा के नौ साल को पूर्व की 65 वर्षों की सरकारों में सबसे बेहतर साबित करने के लिए उन्होंने कई तथ्य और तर्क पेश किए। श्री चंद्रशेखर ने कोविड महामारी में 200 करोड़ वैक्सीनेशन, साढ़े तीन करोड़ गरीबों को घर, 11.88 करोड़ घरों को शुद्ध पेयजल, 9.6 करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन, 21.72 करोड़ नए शौचालय, 50 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर, 1947 से 2014 तक 74 हवाई अड्डे और 2014 से अब तक मात्र नौ वर्षों में ही 74 नए एयरपोर्ट और 17 वंदे भारत रेलगाडिय़ां नव भारत की जगमगाती तस्वीर बताई। हालांकि निर्धारित समय सायं 6:30 से शुरू होने वाला कार्यक्रम श्री नड्डा के 7:30 बजे पहुंचने के कारण देरी से शुरू हुआ और जिस पारस्परिक विचार-विमर्श का दायरा बड़ा हो सकता था, वह कुछ समूहों के बीच ही सीमित होकर रह गया। बहरहाल इसी बहाने भाजपा के साथ-साथ मीडिया की तासीर भी देखने-परखने को मिली। इस सारे घटनाक्रम का अवलोकन यही रहा कि भाजपा की सियासी रणनीति के आगे कई दल अभी जुगनू मात्र हैं।