Election 2022: CAA आंदोलनकारियों से वसूली करने वाली सरकार और अफसरों पर कार्रवाई हो- नसीमुद्दीन सिद्दीकी

 

लखनऊ: सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं और आंदोलनकारियों से वसूली का आदेश रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस ने स्वागत करते हुए इसे योगी सरकार के गाल पर करारा तमाचा बताया है। यूपी कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि इस मसले पर योगी सरकार और अफसरों के खलिाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने लोकतांत्रिक अधिकार इस्तेमाल करने वाले आंदोलनकारियों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ित किया।

यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में सिद्दीकी ने कहा कि योगी सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतारू है, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया कि देश संविधान और कानून से चलेगा। योगी सरकार ने बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किए सैकड़ों लोगों के खलिाफ वसूली नोटिस जारी कर दी थी। उस समय भी कांग्रेस पार्टी ने इसका जोरदार विरोध किया था। प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने सड़क पर उतर कर आवाज उठाई थी, लेकिन योगी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश कांग्रेस पार्टी के स्टैंड पर मुहर की तरह है। साथ ही यह भी साबित हुआ है कि योगी सरकार का लोकतंत्र पर कोई विश्वास नहीं है।

सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अन्याय की तस्दीक है तो फिर दोषियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। इसके लिए योगी सरकार और उनक तमाम अफसर सीधे तौर पर दोषी हैं। इन सभी के खलिाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सिद्दीकी ने ये भी कहा कि पूरे सीएए विरोधी आंदोलन में सिर्फ कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल के रूप में सरकार को चुनौती देती रही जबकि तमाम दूसरे विपक्षी दलों के मुंह में दही जमा रहा।

प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस की लखनऊ मध्य सीट से प्रत्याशी और सीएए विरोधी आंदोलन का चेहरा रहीं सदफ जाफर ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उनके खिलाफ 84 लाख रुपये की वसूली नोटिस जारी हुई थी जबकि वे एक असंवैधानिक कानून का लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करने के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल कर रही थीं। उन्होंने बताया इस आंदोलन में उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने उनके पेट पर लात मारी थी और उन्हें हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था। उनके साथ गिरफ्तार किए गए तमाम अन्य आंदोलनकारियों के साथ भी बर्बर रवैया अपनाया गया था। उनके चेहरे की पोस्टर बनाकर चौराहों पर लगाए गये थे। आंदोलनकारियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर इंसाफ हासिल किया है। सुप्रीमकोर्ट का फैसला उन सभी की जीत है। योगी सरकार को इस चुनाव में हटाकर जनता उसके तानाशाह स्वैये का जवाब देगी।

इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश आजमानी ने कहा कि सदफ जाफर जैसी योद्धा ने लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ी थी जो सुप्रीम कोर्ट के फसले से साबित हो गया है किसी सरकार का सुप्रीम कोर्ट से यू फटकारा जाना बताता है कि उसे नियम कानून की कितनी समझ है वह खुद ही शिकायतकर्ता वकील और जज बनकर काम कर रही थी। सदफ जाफर की विधानसभा चुनाव में जीत लोकतंत्र के परचम को बुलंद करेगी।