Budget 2023: मध्यम वर्ग को इस बार बजट से बड़ी आस

 

नई दिल्ली: जैसे-जैसे बजट की तारीख करीब आ रही हैं अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। समाज का हर वर्ग अपने.अपने हिसाब से बजट से अपनी अपेक्षाओं को जोडक़र देख रहा है। देश के मध्यम वर्ग को इस बार के बजट से ढेर सारी उम्मीद है। आम तौर पर अर्थशास्त्री ढाई लाख प्रतिवर्ष से 20 लाख सालाना आमदनी वाले लोगों को मध्यम वर्ग के अंतर्गत मानते हैं। आइए जानते हैं इस बार देश का यह वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या चाहता है।

बीते कई वर्षों में आयकर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बार के बजट में देश का मध्यम वर्ग इस बात की उम्मीद लगाए है कि वित्त मंत्री आयकर के दायरे में बदलाव की घोषणा करेंगी। सरकार वर्ष 2020 में इंडिविजुअल टेक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजाइम लेकर आई थी। जानकारों के मुताबिक करदाताओं को उससे कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ। ऐसे में देश का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग कर रहा है। देश में लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए भी लोगों का मानना है कि सरकार को आयकर का दायर कम ही सही लेकिन बढ़ाना चाहिए। देश के आयकरदाताओं को 80सी के तहत विभिन्न खर्चों के एवज में टैक्स में छूट मिलती है।

80सी के तहत आने वाले खर्चों की लिस्ट पहले से बहुत लंबी है। ऐसे में देश का मध्यम वर्ग चाहता है कि इस लिस्ट से कम से कम बच्चों की ट्यूशन फीस का खर्च हटा दिया जाए। बैंकर आशुतोष रंजन का कहना है कि महंगाई के कारण घरों का खर्च पहले ही बढ़ा हुआ है। 80सी के तहत महज डेढ़ लाख तक की ही राशि पर छूट मिलती है। फिलहाल देश में एक खास आय वर्ग के लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलता है।

वर्तमान में बच्चों की पढ़ाई बहुत महंगी साबित हो रही है। यही कारण है कि इस साल के बजट में अभिभावक ट्यूशन फीस को 80 सी बाहर करने की उम्मीद जता रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई बोझ अधिक न पड़े और वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवा सकें। मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि इस बार का बजट उन्हें राहत लेकर ही आएगा।