बीजेपी की सस्पेंडेड प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयानबाजी के बाद चर्चा में आईं सस्पेंडेड प्रवक्ता नूपुर शर्मा को हथियार (बंदूक) रखने का लाइसेंस मिल गया है.
उनके बयान के बाद पिछले साल देशभर में भारी विरोध-प्रदर्शन हुए थे और कई जगहों पर हिंसा भी देखी गई थी. नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने वाले कम से कम दो लोग बेरहमी से कत्ल भी कर दिए गए. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ‘देश को आग में झोंकने’ के लिए माफी मांगने को भी कहा था. अब सेल्फ प्रोटेक्शन में दिल्ली पुलिस ने उन्हें हथियार रखने का लाइसेंस दिया है.
बीजेपी से सस्पेंडेड नूपुर शर्मा ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की थी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही है, और हथियार रखने का लाइसेंस मांगा था. उन्होंने एक टीवी डिबेट में 26 मई को पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयानबाजी की थी, जिसके बाद देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बवाल मच गया था. दुनिया के कई देशों ने उनके बयान की आलोचना की थी और भारत सरकार के सामने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें ‘असामाजिक तत्व’ बताते हुए पार्टी से निकाल दिया था. उनके समर्थन में आने वाले लोग भी शिकार हो गए और कम से कम दो लोगों की हत्या कर दी गई.
नूपुर शर्मा के समर्थकों में एक उमेश कोल्हे की जून महीने में महाराष्ट्र के अमरावति में हत्या कर दी गई थी. इसके कुछ ही दिनों बाद एक दर्जी की राजस्थान के उदयपुर में हत्या कर दी गई और उसका ‘सिर तन से जुदा’ कर दिया गया था. बाद में नूपुर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उनकी जान को खतरा है. इस दरमियान कुछ वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. अजमेर दरगाह के एक कर्मचारी का भी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित रूप से नूपर का ‘सिर काटने की धमकी’ दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई महीने में नूपुर शर्मा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्होंने देश में आग लगाने का काम किया है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. कोर्ट ने कहा था, ‘जिस तरह से उसने देशभर में भावनाओं को आहत किया… जो कुछ भी देश में हो रहा है उसके लिए सिर्फ ये ही महिला जिम्मेदार है.’ एससी बेंच ने कहा था, ‘ये महिला मुफट है और उसने सभी तरह की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी की और पूरे देश को आग में झोंक दिया. इसके बावजूद वो खुदको एक वकील बताती है…उसे तुरंत माफी मांगनी चाहिए.’